उत्तराखंडः उत्तराखंड में दिवाली के दिन धंसी सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. सुरंग में 40 मजदूर फंसे है. पिछले 102 घंटे से 40 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं. नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम 24 घंटे काम कर रहे हैं. राहत दल एक के बाद एक नयी तकनीक के साथ फंसी जानों को बचाने में जुटा है. लेकिन अभी तक कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिल पायी है.
अब ड्रिलिंग मशीन के माध्यम से मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. सिलक्यारा टनल साइट पर नई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन के इंस्टॉलेशन का काम पूरा हो गया है. जल्द ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है. राहत एवं बचाव मिशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल का कहना है कि अमेरिका में बनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन पुरानी मशीन से काफी एडवांस है, जो काफी स्पीड में काम करेगी. राहत एवं बचाव ऑपरेशन में अब मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी शामिल हो गई है. इसके साथ वायुसेना, थल सेना भी बचाव अभियान में मदद कर रही.
हाइड्रोलिक जैक में मिली नाकामीः
इससे पहले पाइप के जरिये मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास किया गया. रेस्क्यू टीम ने 14 नवंबर को स्टील पाइप के जरिए मजदूरों को निकालने की प्रोसेस शुरू की. इसके लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन और हाइड्रोलिक जैक की मदद से 35 इंच के डायमीटर का स्टील पाइप टनल के अंदर डालने की कोशिश की गई. हालांकि इसमें सफलता नहीं मिली.
कच्चा हिस्सा होने के कारण धंसाः
NDRF के असिस्टेंट कमांडर करमवीर सिंह ने बताया- साढ़े 4 किलोमीटर लंबी और 14 मीटर चौड़ी इस टनल के स्टार्टिंग पॉइंट से 200 मीटर तक प्लास्टर किया गया था. उससे आगे कोई प्लास्टर नहीं था, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ.