उत्तराखंड़ः उत्तरकाशी में टनल में फंसी 41 जिंदगियों को लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. हर कोई उनके सही सलामत बाहर आने की कामना कर रहा है. कि आखिर किसी भी तरह से फंसी कई घरों की उम्मीद जल्द से जल्द बाहर आ जाये. जिसको लेकर कामना भी की जा रही है. मुश्किलें आ रही हैं, धैर्य की परीक्षा ली जा रही है, लेकिन देश अपने 41 मजदूरों से यही कह रहा है कि हिम्मत नहीं हारनी है. हर अड़चन को हराकर जीत हासिल करनी है. मजदूर सुरंग के भीतर हैं, लेकिन बाहर पूरा हिंदुस्तान उनका इंतजार कर रहा है. कल आगर मशीन से की जा रही ड्रिलिंग के रास्ते में लोहे की रॉड आने की वजह से मशीन खराब हो गई थी. दिल्ली से एक्सपर्ट बुलाकर उन्हें ठीक कराया गया है और अब पाइप डालने का काम फिर जारी है.
ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार अध्ययन से पता चला है कि अगले 5 मीटर में कोई रुकावट नहीं है. 47 मीटर तक पाइप पहुंच चुका है. अब अभी 16.2 मीटर खुदाई बाकी है. ड्रिलिंग के दौरान यदि कोई बाधा नहीं आती है, तो आज 41 मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है. बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन के 12वें दिन यानी गुरुवार को अमेरिकी ऑगर ड्रिल मशीन तीन बार रोकनी पड़ी. देर शाम ड्रिलिंग के दौरान तेज कंपन होने से मशीन का प्लेटफॉर्म धंस गया. इससे पहले गुरुवार दोपहर 1.15 बजे मजदूरों तक पहुंचने के लिए बाकी 18 मीटर की खुदाई शुरू की गई, लेकिन 1.8 मीटर की ड्रिलिंग के बाद मलबे में सरिया आने से खुदाई रोकनी पड़ी. इसे दिल्ली से हेलिकॉप्टर से पहुंचे 7 एक्सपर्ट्स ने इसे ठीक किया. अधिकारियों ने बताया- आज 1.86 मीटर ड्रिलिंग हुई. अभी 16.2 मीटर खुदाई बाकी है.
राहत दल बचाव में जुटेः
सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्र व राज्य सरकार की 19 एजेंसियां जुटी हैं. चारधाम महामार्ग परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में हादसे के बाद सुरंग निर्माण करवा रही कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल, जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस व होमगार्ड्स की टीम सबसे पहले मौके पर पहुंची थी.
मुख्यमंत्री ले रहे निरीक्षणः
अभियान का निरीक्षण करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल (सेनि) वीके सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी पहुंचे. निरीक्षण के बाद केंद्रीय मंत्री वीके सिंह जहां टनल से पहले बने कार्यालय में बैठ गए तो मुख्यमंत्री ने भी उत्तरकाशी के निकट स्थित मातली में डेरा डाल लिया। खबर लिखे जाने तक दोनों नेता मजदूरों के सकुशल बाहर आने का इंतजार कर रहे थे.
बता दें कि दिवाली के दिन उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल धंसने से मजदूर फंस गये. टनल का कुछ हिस्सा कच्चा होने के कारण लगातार धंसता चला गया और अब स्थिति इतनी गंभीर हो गयी है कि हर एक सेकंड फंसे 41 मजदूरों पर जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे है. ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है. कि जल्द से जल्द मजदूरों को बाहर निकाला जा सके.