जयपुर: प्रदेश के सात नेता समाजसेवी और बुद्धिजीवियों ने शुक्रवार को भाजपा का दामन थाम लिया. प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सभी को भाजपा में एंट्री कराई. इनमें कुछ नेता कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए हैं तो कुछ भाजपा के ही बागियों की रीएंट्री हुई है.
भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में शाहपुरा राजपरिवार से जुड़ी रत्ना कुमारी हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर रत्ना कुमारी ने विराट नगर से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. भाजपा के वरिष्ठ नेता राव राजेंद्र के छोटे भाई की पत्नी रत्ना एक एनजीओ से भी जुड़ी हैं. इसी तरह वसुंधरा राजे सरकार में अलवर यूआईटी चेयरमैन रहे देवीसिंह शेखावत की भाजपा में रीएंट्री हुई है. टिकट नहीं मिलने पर शेखावत ने बानसूर से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और 40 हजार से ज्यादा वोट पाए थे. इनके अलावा बसपा के फाउंडर मेंबर अतर सिंह पगारिया ने सदस्यता ग्रहण की है पगारिया जाटव समाज से आते हैं और पूर्वी राजस्थान में जाटव समाज मे जाना माना चेहरा है.
पीसीसी सदस्य रहे महेंद्रपाल चौधरी कुचेरा में नगरपालिका अध्यक्ष रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रहे इंद्रमोहन सिंह हनी ने भी भाजपा की सदस्यता ली. इंद्रमोहन ज्योतिरादित्य सिंधिया के जबर फैन हैं इंद्रपाल का कहना है कि पीएम मोदी की नीति और ज्योतिरादित्य से करीबियां उन्हें भाजपा में लेकर आई है. पूर्व आईपीएस केसी मीणा ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है केसी मीणा केंद्र में आईपीएस रहते हुए मोदी की राष्ट्रप्रेम की नीति के मुरीद बने और अब मोदी से प्रभावित होकर भाजपा का दामन थामा है. और किरोड़ी सिंह बैंसला के साथ गुर्जर आरक्षण की लड़ाई लड़ने वाले शैलेंद्र सिंह एडवोकेट ने भी भाजपा का दामन थामा है.