इशान और कोहली की रिकॉर्डतोड़ पारी के बाद गेंदबाजों के कमाल से भारत ने बांग्लादेश को 227 रन से रौंदा

चटगांव: सलामी बल्लेबाज इशान किशन (210) की रिकॉर्डतोड़ बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजों के दबदबे वाले प्रदर्शन से भारत ने तीन मैचों की श्रृंखला के आखिरी मुकाबले में बांग्लादेश को रिकॉर्ड 227 रन से रौंद कर सांत्वना भरी जीत दर्ज की.श्रृंखला के शुरुआती दोनों मैचों में हार का सामना करने वाली भारतीय टीम ने इशान और विराट कोहली (113) की दूसरे विकेट के लिए 190 गेंद में 290 रन की साझेदारी के दम पर आठ विकेट पर 409 रन बनाने के बाद बांग्लादेश को 34 ओवर में 182 रन पर आउट कर दिया.पूर्व कप्तान कोहली ने लगभग 40 महीने के बाद एकदिवसीय मैच में शतक जड़ा लेकिन किशन की 131 गेंद में 210 रन की आक्रामक पारी के सामने उनकी बल्लेबाजी की चमक थोड़ी फीकी लगी. इशान ने 24 चौके और 10 छक्के जड़ बाउंड्री से 156 रन बनाये. कोहली ने 91 गेंद में 11 चौके और दो छक्के जड़े.

बांग्लादेश की टीम कभी भी इस मैच में दबदबा नहीं बना सकी और बड़े लक्ष्य के दबाव में पूरी टीम 34 ओवर में आउट हो गयी.भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें जमने का मौका नहीं दिया. शारदुल ठाकुर ने तीन जबकि अक्षर पटेल और उमरान मलिक ने दो-दो विकेट लिये. कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज और वॉशिंगटन सुंदर को एक-एक सफलता मिली.बांग्लादेश के लिए शाकिब अल हसन ने सबसे ज्यादा 43 जबकि कप्तान लिटन दास ने 29 रन का योगदान दिया.किशन ने अपनी धमाकेदार पारी से जो जज्बा और इरादा दिखाया उससे टीम प्रबंधन को अगले साल होने वाले विश्व कप के लिए निश्चित रूप से कड़े फैसले लेने होंगे.

उनकी पारी का दबदबा ऐसा था कि रोहित शर्मा के 264 रन का विश्व रिकॉर्ड भी एक समय छोटा दिख रहा था. किशन ने पारी के बीच में कहा कि जब मैं आउट हुआ था तब 15 ओवर (14.1 ओवर) बचे हुए थे. मेरे पास 300 रन बनाने का मौका था.इशान ने 126 गेंद में अपना दोहरा शतक पूरा किया जो इस प्रारूप का सबसे तेज दोहरा शतक है. इससे पहले पुरुष क्रिकेट में यह रिकॉर्ड क्रिस गेल के नाम था. उन्होंने 2015 विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ 138 गेंद में दोहरा शतक पूरा किया था.

इशान इस प्रारूप में दोहरा शतक लगाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज भी बन गये . उन्होंने 24 साल और 145 दिन की उम्र में दोहरा शतक पूरा किया. इससे पहले यह रिकॉर्ड रोहित शर्मा के नाम था जिन्होंने 26 साल और 186 दिन की उम्र में अपना पहला दोहरा शतक (2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) लगाया था.एकदिवसीय में यह भारत का चौथा सबसे बड़ा स्कोर है. किशन और कोहली के आउट होने के बाद लगातार अंतराल पर विकेट गिरते रहे और टीम आखिरी 10 ओवर में सिर्फ 70 रन ही बना सकी.किशन ने 85 गेंद में एकदिवसीय प्रारूप का पहला शतक लगाने के बाद टी20 अंदाज में बल्लेबाजी की और चौके-छक्के की बौछार कर दी. उन्होंने अपनी पारी में 156 रन सिर्फ बाउंड्री से बनाये.

झारखंड का यह बल्लेबाज वनडे में दोहरा शतक लगाने वाला भारत चौथ और कुल सातवां बल्लेबाज है. उन्होंने 35वें ओवर की आखिरी गेंद पर मुस्तफिजुर रहमान के खिलाफ एक रन लेकर अपना दोहरा शतक पूरा किया. वह अपने पहले एकदिवसीय शतक को दोहरा शतक में बदलने वाले इकलौते बल्लेबाज बने.दूसरे छोर से कोहली भी अपने रंग में दिखे. एकदिवसीय में यह उनकी 44वीं शतकीय पारी है जिससे उनकी कुल शतकों की संख्या 72 हो गयी. इस प्रारूप में कोहली ने लगभग तीन साल के बाद शतक लगाया. टी20 विश्व कप में हारिस रउफ के खिलाफ जिस तरह से उन्होंने मुश्किल छक्का जड़ा था उसी तरह से इबादत हुसैन की गेंद को दर्शकों के पास पहुंचा कर उन्होंने 86 गेंद में अपना शतक पूरा किया. वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर (100 शतक) के बाद सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गये हैं.

भारतीय टीम ने चोटिल कप्तान रोहित शर्मा की जगह किशन को टीम में शामिल किया और इस बल्लेबाज ने शिखर धवन के साथ पारी की शुरुआत की.धवन और उनकी साझेदारी सिर्फ 4.1 ओवर तक ही चली. मेहदी हसन ने धवन को तीन रन पर पगबाधा आउट कर दिया. इस ऑफ स्पिनर की गेंद पर कप्तान लिटन दास ने कोहली का कैच टपका कर जीवन दान दिया.इसके बाद किशन और कोहली ने आसानी से मैदान की हर तरफ रन बटोरे. दोनों दौड़कर रन चुराने की जगह बाउंड्री लगाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे थे. किशन के दोहरे शतक के जश्न में कोहली भी शामिल हुए. उन्होंने मैदान पर भांगड़ा कर के इस युवा बल्लेबाज के साथ खुशी साझा की. दोनों के पवेलियन लौटने के बाद भारतीय पारी लड़खड़ाने लगी और इसका असर रन गति पर पड़ा. वॉशिंगटन सुंदर ने 27 गेंद में 37 रन की पारी खेलकर टीम के स्कोर को 400 के पार पहुंचाने में मदद की.(भाषा)