जयपुर: अपनी अनूठी विरासत व स्थापत्य कला के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध जयपुर शहर के परकोटा क्षेत्र की झलक अब आपको जयपुर के ही आगरा रोड इलाके पर भी दिखेगी. जी हां जयपुर विकास प्राधिकरण इस इलाके में परकोटे की विरासत व स्थापत्य कला की तर्ज पर हेरिटेज सिटी योजना विकसित करेगा. किस प्रकार इस योजना का किया जाएगा विकास.
प्रदेश की पिछली अशोक गहलोत सरकार के समय आगरा रोड व खो नागोरियान इलाके में नया जयपुर योजना प्रस्तावित की गई थी. किन्हीं कारणों के चलते यह योजना क्रियान्वित नहीं हो पाई. इसके बाद सितंबर 2011 में राजधानी का नया मास्टरप्लान 2025 लागू किया गया. तब मास्टरप्लान में इस योजना के क्षेत्र को स्पेसिफिक डवलपमेंट एरिया के तौर पर अंकित किया गया. इसके बाद यह तय किया गया कि इस योजना क्षेत्र को दो अलग-अलग योजना ग्रीन सिटी व हेरिटेज सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा. हेरिटेज सिटी योजना के विकास के मापदंड तय करने के लिए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के स्तर पर बैठकों के कई दौर हुए. इसके बाद जेडीए ने योजना के मुख्य प्रावधान और रोड नेटवर्क प्लान लागू किया है. इसके लिए जेडीए ने जेडीए एक्ट की धारा 25 के तहत अधिसूचना जारी कर दी है. आपको सबसे बताते हैं कि यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल परकोटा क्षेत्र को आगरा रोड इलाके पर साकार करने के लिए इस हेरिटेज सिटी योजना में क्या प्रावधान किए गए हैं.
परकोटे की तर्ज पर ये लागू किए प्रावधान
-30 मीटर चौड़ी मुख्य सड़कों पर लगते भूखंडों का मिश्रित व व्यावसायिक भू उपयोग रखा गया है
-इन भूखंडों पर अग्र व साइड सैटबेक नहीं रखे जाएंगे
-प्रथम तल पर बरामदे के बाद न्यूनतम 3 मीटर की छत रखना अनिवार्य होगा
-योजना की आंतरिक सड़कें, जिनकी चौड़ाई 30 मीटर से कम होगी
-ऐसी सड़कों पर लगते 200 से 750 वर्गमीटर तक क्षेत्रफल के भूखंडों पर चौक का प्रावधान रखना अनिवार्य होगा
-इस चौक का आकार भूखंड क्षेत्रफल का 10% अथवा
-इसी के चलते ऐसे भूखंडों पर साइड सेटबैक शून्य रखा गया है
-योजना में भवनों की अधिकतम ऊंचाई 15 मीटर होगी,जिसमें तहखाना,भूतल व तीन मंजिल का निर्माण किया जा सकेगा
-मुख्य सड़कों के भूखंडों पर बनने वाले भवनों का निर्माण के लिए निर्माण सामग्री और
-भवनों का फ्रंट एलिवेशन बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन मैटेरियल फसाड कंट्रोल गाइडलाइन्स के अनुसार रखे जाएंगे
-परकोटे की ही तर्ज पर योजना में 9 चौपड़ों व 6 मुख्य प्रवेश द्वारों का निर्माण किया जाएगा
-प्रवेश द्वारों का नाम स्वतंत्रता सेनानी, ऐतिहासिक व्यक्तित्व और जयपुर या राजस्थान के इतिहास से जोड़ते हुए रखा जाएगा
जेडीए की इस हेरिटेज सिटी योजना में किस प्रकार की योजनाएं, किन मापदंडों के तहत सृजित की जा सकेंगी, इसको लेकर जेडीए ने अधिसूचना जारी कर दी है. जयपुर शहर के परकोटे की तर्ज पर पूरी योजना का भू उपयोग मूलत: मिश्रित रखा गया है. इसके अनुसार योजना में आवासीय, व्यावसायिक व मिश्रित गतिविधियां की जा सकेंगी. आपको बताते हैं कि विभिन्न योजनाओं के लिए क्या मापदंड रखे हैं.
हेरिटेज सिटी योजना के तकनीकी प्रावधान
-हेरिटेज सिटी में किसी भी योजना का आकार 5 हैक्टेयर से कम नहीं होगा
-योजना के कुल क्षेत्रफल के 10 प्रतिशत में पार्क रखना जरूरी होगा
-कुल क्षेत्रफल का 7 प्रतिशत पब्लिक फैसेलिटी और 3 प्रतिशत भूमि पब्लिक यूटिलिटी के लिए रखनी जरूरी होगी
-योजना के सेलेबल एरिया का 10 प्रतिशत हिस्सा मेजर इकॉनोमिक एक्टिवटीज के लिए रखना अनिवार्य होगा
-हेरिटेज सिटी योजना में 8 हैक्टेयेर व इससे बड़ी योजनाओं को पायोनियर प्रोजेक्ट माना जाएगा
-न्यूनतम एक पायोनियर प्रोजेक्ट जेडीए और न्यूनतम एक पायोनियर प्रोजेक्ट निजी विकासकर्ता विकसित करेंगे
-ऐसे प्रोजेक्ट के लिए निजी विकासकर्ता को हेरिटेज एक्सपर्ट की सेवाएं लेनी होगी
-ऐसे प्रोजेक्ट के लिए सभी तरह की स्वीकृतियां फास्ट ट्रेक सिस्टम में तीस दिन में देनी होगी