UN के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने PM मोदी की ‘युद्ध का युग नहीं’ टिप्पणी का किया पूर्ण समर्थन

UN के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने PM मोदी की ‘युद्ध का युग नहीं’ टिप्पणी का किया पूर्ण समर्थन

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस टिप्पणी का समर्थन किया है कि यह ‘ युद्ध का युग’ नहीं है. उन्होंने साथ ही कहा है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए स्थितियां बनाने की दिशा में प्रयासों का "बहुत स्वागत” किया जाएगा.

मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान कहा था कि यह “ युद्ध का युग नहीं” है. अपनी भारत यात्रा से पहले, पीटीआई-भाषा से बातचीत में गुतारेस ने कहा कि वह यूक्रेन में युद्ध के तेज़ होने से ‘बहुत चिंतित’ हैं, खासकर तब जब इस वजह से बड़ी संख्या में आम लोग हताहत हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्थिति पहले से ही बहुत जटिल है . इससे यह और खराब हो रही है. पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ ‘ विशेष सैन्य अभियान’ का आदेश दिया था. इस संघर्ष का असर आर्थिक तौर पर,खासकर, खाद्य और ऊर्जा पर पड़ा है.

गुतारेस की तीन दिवसीय भारत यात्रा मंगलवार से शुरू:
गुतारेस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है, मेरे ख्याल से बिल्कुल सच है. कोई समय, युद्ध का समय नहीं है. लेकिन यह वक्त विशेष रूप से युद्ध का वक्त नहीं है. अतः मैं इसका पूर्ण समर्थन करता हूं. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से समाधान के लिए स्थितियां बनाने के वास्ते प्रयास किए जाने चाहिए तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत समाधान का बहुत स्वागत किया जाएगा. गुतारेस की तीन दिवसीय भारत यात्रा मंगलवार से शुरू हो रही है.

कूटनीति" के महत्व को रेखांकित किया था:
जनवरी 2022 में दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बनने के बाद गुतारेस की यह पहली भारत यात्रा है. गुतारेस विश्व संस्था के प्रमुख के तौर पर अपने पहले कार्यकाल के दौरान अक्टूबर 2018 में भारत गए थे. समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर सितंबर में राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन ‍में शत्रुता की शीघ्र समाप्ति का आह्वान करते हुए "लोकतंत्र, संवाद और कूटनीति" के महत्व को रेखांकित किया था.

योगदान के लिए भारत की इच्छा को व्यक्त किया था:
इस महीने की शुरुआत में, मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से टेलीफोन पर बातचीत की थी. इसके दौरान उन्होंने इस बात को लेकर "अपना दृढ़ विश्वास व्यक्त किया था कि संघर्ष का सैन्य समाधान नहीं हो सकता और उन्होंने किसी भी शांति प्रयास में योगदान के लिए भारत की इच्छा को व्यक्त किया था.

बयान देने वाली कूटनीति में विश्वास नहीं करता हूं:
गुतारेस से पूछा गया कि उनकी यात्रा के दौरान भारतीय नेतृत्व के साथ बातचीत में यूक्रेन युद्ध के बारे में चर्चा हो सकती है? तो उन्होंने कहा कि हम बहुत ही विवेकपूर्ण तरीके से बहुत सक्रिय रहे हैं, क्योंकि मैं विवादित मुद्दों पर सार्वजनिक तौर पर बयान देने वाली कूटनीति में विश्वास नहीं करता हूं.उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि सावधानी से की जाने वाली कूटनीति को अब भी भूमिका निभानी है और हम यूक्रेन में लोगों की पीड़ा को कम करने और दुनिया भर के लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए सभी तरीकों का पता लगाने की कोशिश में बहुत सक्रिय रहे हैं. सोर्स-भाषा