Gujarat से 2024 के लिए भाजपा की संभावना हुई मजबूत, हिमाचल ने कांग्रेस को दी उम्मीद

नई दिल्ली: गुजरात में बिखरे विपक्षी खेमे के खिलाफ हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और विकास की बुनियाद पर भारतीय जनता पार्टी ने जो प्रचंड जीत हासिल की उससे 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से उसकी विजय की संभावना को बहुत बल मिला है.

लेकिन हिमाचल प्रदेश में स्थानीय मुद्दों के दम पर कांग्रेस को मिली जीत ने यह संकेत दिया है कि भाजपा कोई ऐसी राजनीतिक शक्ति नहीं है जिसे पराजित नहीं किया जा सके. आम आदमी पार्टी की गुजरात में दस्तक ने भाजपा के लिए चुनौती पैदा की है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर 2024 के लोकसभा के चुनाव से पहले कांग्रेस के सामने उससे बड़ी चुनौती पेश की है. भाजपा को गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में 52.5 प्रतिशत मत के साथ 156 सीटें मिलीं. मुख्य विपक्षी कांग्रेस 27 प्रतिशत मतों के साथ 17 सीटों पर सिमट गई तो आप को करीब 13 प्रतिशत मतों के साथ पांच सीटें हासिल हुईं.

नरेंद्र मोदी का ब्रांड अपनी जगह कायम:
गुजरात के नतीजे भाजपा के लिए बहुत सकारात्मक माने जा रहे हैं और पार्टी नेताओं का मानना है कि राज्य में उसके ‘राष्ट्रीय’ एजेंडे ने काम किया. इन नतीजों से यह भी पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ब्रांड अपनी जगह कायम है और प्रधानमंत्री मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में लामबंद करने के लिए इस पार्टी के सबसे बड़े तुरुप के इक्के हैं.

2024 के लिए भाजपा के सामने कोई गंभीर चुनौती नहीं:
भाजपा के एक नेता का कहना है कि शासन और विचारधारा के व्यापक मुद्दों पर लोग मोदी और भाजपा पर किसी अन्य पार्टी के मुकाबले ज्यादा विश्वास करते हैं. हमने यह पहले उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में देखा और अब गुजरात में देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2024 की चुनावी लड़ाई नजदीक आने के साथ ही ‘मोदी फैक्टर’ और व्यापक राष्ट्रीय मुद्दे और ज्यादा मायने रखेंगे. गुजरात की इस जीत ने यह संकेत दिया है कि 2024 के लिए भाजपा के सामने कोई गंभीर चुनौती नहीं है.

भाजपा सबसे प्रमुख पार्टी बनी हुई है:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में राजनीतिक शास्त्र के प्रोफेसर महेंद्र नाथ ठाकुर कहते हैं कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि भाजपा सबसे प्रमुख पार्टी बनी हुई है और उसे 2024 में पराजित करना बहुत मुश्किल होगा. उनका यह भी कहना है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत से यह संदेश भी जाता है कि भाजपा ऐसी भी राजनीतिक शक्ति नहीं है कि जिसे पराजित न किया जा सके. हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 40 सीटें मिलीं तो भाजपा को 25 सीटें हासिल हुईं. सोर्स-भाषा