मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार कार्यकर्ता ज्योति जगताप को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि उसके खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) का मामला ‘‘प्रथम दृष्टया सच’’ है.
एनआईए ने आरोप लगाया था कि जगताप प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा-माओवादी) की गतिविधियों का शहर में प्रचार कर रही थी. उसने 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दलितों को सरकार के विरोध में संगठित करने का प्रयास किया.
न्यायमूर्ति ए.एस. गडकरी और एम. एन. जाधव की खंडपीठ ने 34 वर्षीय जगताप द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया. अपील में एक विशेष अदालत के फरवरी 2022 में जारी एक आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उसे जमानत देने से इनकार किया गया था. अदालत ने कहा कि हमारी राय है कि एनआईए का मामला प्रथम दृष्टया सही है. तदनुसार, अपील खारिज की जाती है’’. सोर्स- भाषा