VIDEO: डिजास्टर पीड़ितों को तत्काल मिलेगा रक्त! SMS अस्पताल से बल्क ब्लड स्टोरेज यूनिट की शुरूआत

जयपुर: जयपुर समेत प्रदेशभर में किसी भी बड़ी आपदा के पीड़ितों को एसएमएस अस्पताल में अब ब्लड के लिए इंतजार नहीं करना होगा.एड्स दिवस के मौके पर अस्पताल में बल्क ब्लड स्टोरेज यूनिट की शुरूआत की गई है, जिसके चलते किसी भी डिजास्टर घटना के पीड़ितों को अस्पताल में हर ग्रुप का तत्काल ब्लड मिलेगा.आखिर क्या है नई यूनिट और अस्पताल की सेवाओं में क्या-क्या विस्तार हुआ. प्रदेश के सबसे बड़ा एसएमएस अस्पताल ने अब किसी भी डिजास्टर घटना से निपटने के लिए कंटेंजेंसी प्लान पर काम शुरू कर दिया है.इसके लिए अस्पताल में भामाशाह दामोदर लाल नारायणी देवी खटोरिया चेरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से ब्लड स्टोरेज कोल्ड यूनिट बनाया गया है, जिसकी शुरूआत आज मिशन निदेशक एनएचएम सुधीर शर्मा ने की.

इस मौके पर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.राजीव बगरहट्टा, अस्पताल अधीक्षक डॉ.अचल शर्मा भी मौजूद रहे.कार्यक्रम में एमडी एनएचएम शर्मा ने बताया कि एसएमएस की ब्लड बैंक में अब 30 हजार यूनिट ब्लड स्टोर किया जा सकेगा. इससे पहले इस ब्लड बैंक की ब्लड स्टोरेज क्षमता 10 यूनिट ब्लड की थी.एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ राजीव बगरहट्टा ने बताया कि इस यूनिट की शुरूआत के बाद काफी हद तक हर ग्रुप के ब्लड का स्टोरेज किसी भी आपात स्थिति के लिए किया जा सकेगा.

आईएचटीएम विभाग के एचओडी डॉ अमित कुमार शर्मा ने बताया कि सवाई मानसिंह अस्पताल का ब्लड सेंटर एक रीजनल ट्रॉन्सफ्यूजन सेंटर है, जहां हर साल करीब 60 से 80 हजार यूनिट रक्तदान होता है.इस संग्रहित रक्त से लगभग 125000 रक्त अवयव बनाये जाते हैं.इन रक्त अवयवों को अलग-अलग तापमान पर स्टोरेज किया जाता है.ब्लड स्टोरेज कोल्ड यूनिट की शुरूआत से इस काम में काफी मदद मिलेगी.साथ ही स्टोरेज केपेसिटी भी 10 हजार से बढ़कर 30 हजार हो जाएगी.

SMS अस्पताल में कैमिलुमेन्स फुली ऑटोमेटेड मशीन की शुरुआत:
-अस्पताल के ब्लड बैंक में स्थापित अत्याधुनिक तकनीक की मशीन
-आईएचटीएम विभाग के एचओडी डॉ अमित कुमार शर्मा ने दी जानकारी
-इस मशीन पर 180 टेस्ट एक साथ लगाये जा सकते हैं,जिनका रिजल्ट 60 मिनट में आएगा
-इस तकनीक के माध्यम से ब्लड बैंक से मरीजों को सुरक्षित रक्त उपलब्ध होगा

हालांकि, एसएमएस अस्पताल में हर मरीज की ब्लड जरूरत को पूरा किया जा रहा है, लेकिन स्टोरेज केपेसिटी बढ़ने के बाद रक्त उपलब्ध कराने में लगने वाले समय में कुछ कमी जरूर आएगी.इसके साथ ही आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भी अस्पताल पूरी तरह से हर समय तैयार रहेगा.