जयपुर: कांग्रेस के 91 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं करने से जुड़े मामले में राजस्थान हाईकोर्ट विधानसभा अध्यक्ष और सचिव को नोटिस जारी किए हैं. हाईकोर्ट ने दो सप्ताह में जवाब तलब किया है. इसके लिए जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने आदेश दिया है. कोर्ट ने राजेंद्र राठौड़ की जनहित याचिका पर जवाब मांगा है. मामले में राजेंद्र राठौड़ ने स्वयं पैरवी की है. ऐसे में अब दो सप्ताह के बाद मामले पर सुनवाई होगी.
सीनियर काउंसिल पूनम चांद भंडारी ने हाईकोर्ट से मामले में पैरवी करने की मांग रखी. उन्होंने कहा कि यह कोई जनहित का मामला नहीं है. यह एक राजनीतिक मामला है. यह इस्तीफे स्वीकार करवाकर विपक्ष सरकार को अल्पमत में लाकर अपनी सरकार बनाना चाहता है.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा- वर्तमान सरकार सदन का विश्वास खो चुकी
वहीं राजेंद्र राठौड़ ने अपने केस की खुद पैरवी करते हुए कि 91 विधायकों के सामूहिक त्याग पत्र से वर्तमान सरकार सदन का विश्वास खो चुकी है. लेकिन इसके बाद भी नीतिगत निर्णय लिये जा रहे हैं. इसलिए इस्तीफे स्वीकार नहीं करने से संविधानिक विफलता की स्थिति पैदा हो रही है. इसे रोकने के लिए न्यायिक हस्तक्षेप जरूरी है. राज्य में 25 सितम्बर से मौजूद संवैधानिक संकट पर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए.