सीमा विवाद पर उच्चतम न्यायालय में महाराष्ट्र की याचिका सुनवाई योग्य नहीं : मुख्यमंत्री बोम्मई

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सीमा विवाद को लेकर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय में महाराष्ट्र सरकार की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और शीर्ष अदालत में जब भी इसकी सुनवाई होगी तो राज्य सरकार की ओर से पेश वकील यही रुख अपनाएंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार का रुख संवैधानिक और वैध दोनों है. बोम्मई ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कर्नाटक का रुख बहुत ही स्पष्ट है. हमारा रुख है कि महाराष्ट्र सरकार की अपील सुनवाई योग्य नहीं है तथा हमारे वकीलों की ओर से यही पक्ष रखा जाएगा. कर्नाटक-महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद से संबंधित याचिका पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यद्यपि यह मामला न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हो सकी, क्योंकि संबंधित न्यायाधीश उस संविधान पीठ का हिस्सा थे, जो जल्लीकट्टू से संबंधित मामले की सुनवाई में व्यस्त थी.दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद 1960 के दशक से जारी है, जब भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन हुआ था. 

तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा रहे बेलगावी पर महाराष्ट्र इस आधार पर अपना दावा पेश करता है कि वहां मराठी बोलने वाले लोगों की अच्छी-खासी संख्या मौजूद है. महाराष्ट्र सरकार ने मराठी बोलने वाले उन गांवों पर भी अपना दावा ठोका है, जो फिलहाल कर्नाटक का हिस्सा हैं. विल्सनगार्डन नागा, साइलेंट सुनील और फाइटर रवि- जैसे उपद्रवियों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के साथ देखे जाने के बारे में बोम्मई ने स्पष्ट किया कि ऐसे लोगों की पार्टी में कोई जगह नहीं है. (भाषा)