जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को भरतपुर में संबोधन के दौरान दिए बयान को ट्वीट करते हुए कहा कि मेरी जाति का एक ही एमएलए है असेंबली के अंदर, एक ही है और वो मैं खुद ही हूं.मैं कई बार सोचता रहता हूं खुद भी, कि मैं कितना लकी व्यक्ति हूं, कितना सौभाग्यशाली हूं कि राजस्थान की जनता ने मुझे, मेरी कौम का 1 एमएलए मैं खुद ही हूं, तब भी आप लोगों ने मुझे 3-3 बार मुख्यमंत्री बनाया है.
आज मैं मुख्यमंत्री हूं, मैं चाहता हूं कि हर कौम की सेवा करूं, चाहे वो जाट हों, गुर्जर हों, राजपूत हों, कुशवाहा हों, जाटव हों, ब्राह्मण हों, बनिया हों, मीणा हों, जो भी कौम के लोग हैं, कोई भी हों, क्योंकि मैं इस बात को जानता हूं कि जातियों के आधार कोई मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 26, 2022
1/2 pic.twitter.com/6YDn4oRK3L
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मैं जानता हूं कि आज मैं मुख्यमंत्री हूं, अगर छत्तीसों कौम मुझसे प्यार नहीं करतीं, मुझे आशीर्वाद नहीं देतीं, तो मुझे कैसे मुख्यमंत्री बनाया जाता 3-3 बार... 3-3 बार और सबसे बड़ी बात ये है कि मेरी जाति सैनी कहलाती है, कुशवाहा कहलाती है, माली कहलाती है. उन्होंने कहा कि आज मैं मुख्यमंत्री हूं, मैं चाहता हूं कि हर कौम की सेवा करूं, चाहे वो जाट हों, गुर्जर हों, राजपूत हों, कुशवाहा हों, जाटव हों, ब्राह्मण हों, बनिया हों, मीणा हों, जो भी कौम के लोग हैं, कोई भी हों, क्योंकि मैं इस बात को जानता हूं कि जातियों के आधार कोई मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं.
उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास रहेगा कि राजस्थान के हर गरीब के आंसू पोंछूं, चाहे कोई कौम का हो, कोई धर्म का हो, चाहे कोई भी हों. मेरा फर्ज बनता है कि मैं वो सुशासन दूं. राजस्थान में जिससे सबका भला हो और राजस्थान का विकास हो. 3 बार मैं एआईसीसी का महामंत्री और 3 बार मुख्यमंत्री, इतना विश्वास मुझ पर हाईकमान कर रहे है. इसलिए कर रहे है कि राजस्थान के लोगों का प्यार, दुलार, आशीर्वाद मेरे साथ में है और मैंने संकल्प ले रखा है.