सरदारशहर(चूरू): जिले के बीकानेर रोड़ स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में फूड पॉइजनिंग (food poisoning) का मामला सामने आया है. गुरुवार शाम से विद्यालय में पढ़ने वाले करीब 30 बच्चों को उल्टी, पेट दर्द, बॉडी दर्द जैसी शिकायतें हो रही है. जिसके बाद 25 के करीब बच्चों को राजकीय अस्पताल लाया गया. जहां डॉक्टर द्वारा उनका इलाज किया गया है.
शुक्रवार सुबह 10 बजे के बाद भी 4 बच्चों की तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें राजकीय अस्पताल लाया गया है और उनका उपचार जारी है. वहीं कुछ बच्चों का इलाज नवोदय विद्यालय में ही किया जा रहा है. वहीं इस पूरे प्रकरण को नवोदय विद्यालय प्रशासन दबाने में लगा हुआ है. नवोदय विद्यालय के प्रशासन की ओर से पहले जानकारी दी गई कि 10 से 12 बच्चे बीमार हुए हैं. स्टाफ एएनएम हंसा सिसोदिया ने बताया कि 20 के करीब बच्चे बीमार हुए हैं और वह वायरल फीवर के चलते बीमार हुए हैं. 500 बच्चों में 20 बच्चे बीमार होना रूटीन की बात है.
वहीं राजकीय अस्पताल में बच्चों का इलाज अब भी जारी है. जब हमने बच्चों से बात की तो बीमार बच्चों ने बताया कि कल ब्रेड पकोड़ा खाया था उसके बाद से ही तबीयत खराब होनी शुरू हो गई. 30 के करीब बच्चों को उल्टी, पेट दर्द, सिर दर्द की शिकायत हुई है. बहरहाल बच्चों की स्थिति सामान्य बनी हुई है और अधिकांश बच्चों को छुट्टी दे दी गई है. 4 बच्चे अभी भी राजकीय अस्पताल में भर्ती है और कुछ बच्चों का उपचार नवोदय विद्यालय में जारी है. पूरे मामले में राजकीय अस्पताल प्रभारी डॉ चंद्रभान जांगिड़ ने बताया कि शुक्रवार शाम को नवोदय विद्यालय के बच्चों को उल्टी, पेट दर्द जैसी शिकायत होने पर राजकीय अस्पताल लाया गया था.
जिनका यहां पर उपचार किया गया और स्थिति सामान्य होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई. वहीं मामले में गंभीरता वाली बात यह है कि अभी भी बीमार बच्चों को नवोदय विद्यालय में रखकर उनका उपचार किया जा रहा है. सवाल यह है कि उन बच्चों को राजकीय अस्पताल क्यों नहीं लाया जा रहा. एक साथ 30 बच्चे बीमार होना कोई सामान्य बात नहीं है. नवोदय विद्यालय प्रशासन पूरी तरह से मामले पर पर्दा डालने में लगा हुआ है. अगर उन बच्चों की ज्यादा तबीयत खराब होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.
ब्रेड पकोड़ खाने के बाद तबीयत बिगड़नी शुरू:
मामला स्पष्ट है कि ब्रेड पकोड़ खाने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने शुरू हुई और उन्हें उल्टी और पेट दर्द की शिकायत शुरू हुई जिसके बाद दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया. वहीं मामले पर उच्च अधिकारियों को गंभीरता से लेकर पूरी जांच करवानी चाहिए ताकि पूरा मामला स्पष्ट हो सके कि आखिर एक साथ 30 बच्चों की तबीयत कैसे खराब हुई. वहीं डॉक्टरों के अनुसार बच्चों की तबीयत फूड पॉइजनिंग के चलते खराब हुई है.