नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर और के. एन. त्रिपाठी आगे आये हैं. तीनों नेताओं ने शुक्रवार को नामांकन के अंतिम दिन अपने-अपने नामांकन पत्र दाखिल किए और कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ नेता खड़गे स्पष्ट रूप से पसंदीदा उम्मीदवार के तौर पर उभरे हैं. मैदान में उतरे तीसरे उम्मीदवार त्रिपाठी झारखंड के पूर्व मंत्री हैं. खड़गे (80) ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ नामांकन पत्रों के 14 सेट जमा किये. उनके प्रस्तावकों में अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, ए के एंटनी, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक शामिल हैं. इसके अलावा उनके प्रस्तावकों में आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, मनीष तिवारी और भूपेंद्र हुड्डा जैसे नेता भी हैं जो पार्टी में बदलाव की मांग उठाने वाले नेताओं के समूह जी-23 में शामिल हैं.
थरूर स्वयं जी-23 में शामिल रहे हैं. उन्होंने नामांकन पत्रों के पांच सेट दाखिल किये, वहीं झारखंड के पूर्व मंत्री त्रिपाठी ने कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री के समक्ष नामांकन पत्र का एक सेट दाखिल किया. कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में खड़गे पसंदीदा उम्मीदवार माने जा रहे हैं और यहां एआईसीसी मुख्यालय में उनके नामांकन पत्र दाखिल करते समय पार्टी के अनेक नेता साथ थे. जी-23 के कई नेता खड़गे का समर्थन कर रहे हैं तथा कई सांसदों ने भी खड़गे के कागजात पर हस्ताक्षर किए, वहीं थरूर के समर्थकों में कार्ति चिदंबरम, मोहम्मद जावेद और प्रद्युत बोरदोलोई आदि कुछ नेता थे.
खड़गे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मुझे सभी नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रमुख राज्यों के प्रतिनिधियों ने चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया. मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं जो नामांकन पत्र दाखिल करने के समय मेरे साथ थे. जब नेताओं ने नामांकन दाखिल किए, उस समय गांधी परिवार का कोई सदस्य कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद नहीं था और मिस्त्री ने कहा कि गांधी परिवार इस मुकाबले में तटस्थ है. थरूर (66) ने चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी खड़गे को पार्टी का भीष्म पितामह करार दिया.
उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा कि भारत की एकमात्र ऐसी पार्टी की सेवा करना सम्मान की बात है जो अपने नेता का चुनाव खुली लोकतांत्रिक प्रक्रिया से करती है. तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने संवाददाताओं से कहा कि यह मैत्री मुकाबला होने जा रहा है. हम दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं. उनके (खड़गे के) प्रति किसी तरह का असम्मान नहीं बरता जाएगा लेकिन मैं अपने विचारों को प्रस्तुत करुंगा. बाद में, थरूर ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने आगामी चुनाव में शुभकामनाएं देने के लिए खड़गे से बात की. उन्होंने कहा कि उन्होंने याद किया जब मैं उनसे पहली बार संयुक्त राष्ट्र के दिनों में बेंगलुरु में मिला था, उस समय वह गृह मंत्री थे. हमने लोकसभा में साथ-साथ अच्छा काम किया और उन्होंने मुझे शुभकामनाएं दीं.
त्रिपाठी ने कहा कि वह शीर्ष पद के लिए लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह मुकाबला खड़गे की निष्ठा और अनुभव बनाम थरूर की बौद्धिकता के बीच है. थरूर केरल में उच्च जाति के नायर समुदाय से आते हैं. शुक्रवार नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था और शनिवार को नामांकनों की जांच के बाद नाम वापस लेने की आखिरी तारीख आठ अक्टूबर है. यदि खड़गे चुनाव जीतते हैं, तो वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष बनने वाले एस निजालिंगप्पा के बाद कर्नाटक के दूसरे नेता होंगे.
जीतने पर वह जगजीवन राम के बाद इस पद पर आसीन होने वाले दूसरे दलित नेता होंगे. खड़गे 50 साल से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख अभी गुजरी नहीं है, लिहाज़ा उन्हें यह नहीं पता है कि 17 अक्टूबर को कांग्रेस का अध्यक्ष चुनने के लिए चुनाव होगा या नहीं.रमेश ने कहा कि मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी होगा. (भाषा)