नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक से पहले हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल से मिले कांग्रेस पर्यवेक्षक

शिमला: विधानसभा चुनावों में जीत के बाद हिमाचल प्रदेश भेजे गए कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने शुक्रवार को नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक से पहले राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की. कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों के एक प्रस्ताव पारित करने की उम्मीद है, जो पार्टी अध्यक्ष को विधायक दल के नेता को चुनने के लिए अधिकृत करेगा. विधायक दल का नेता ही अगला मुख्यमंत्री बनेगा.

कांग्रेस के दो पर्यवेक्षक-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हरियाणा के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा-अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के हिमाचल प्रदेश से जुड़े मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ शिमला पहुंचे. इन नेताओं ने यहां एक होटल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह से मुलाकात की.कांग्रेस सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने संकेत दिया है कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं.

यह बात उनके बेटे ने भी कही है.उनके बेटे और शिमला ग्रामीण क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मैं शीर्ष पद की दौड़ में नहीं हूं, लेकिन मेरी मां मुख्यमंत्री पद की दावेदारों में से एक हैं.उन्होंने कहा कि सभी विजयी विधायकों की बैठक बुलाई गई है और अंतिम निर्णय आलाकमान द्वारा लिया जाएगा, जो सभी को स्वीकार्य होगा. कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीट पर जीत दर्ज की थी.

इसी के साथ पहाड़ी राज्य में वर्ष 1985 से किसी भी पार्टी की सरकार के दोबारा सत्ता में न आने की परंपरा बरकरार रही.हुड्डा ने बघेल और शुक्ला के साथ राज्यपाल से मुलाकात की.हुड्डा ने बाद में कहा कि उन्होंने राज्यपाल को सूचित किया है कि पार्टी के पास बहुमत है और सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए बाद में उनके साथ औपचारिक बैठक करेंगे.कांग्रेस के लिए फौरी चुनौती यह तय करना है कि आगे चलकर कौन सा मुख्यमंत्री पार्टी को एकजुट रख सकता है.प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रमुख दावेदार माना जा रहा है.

पार्टी की राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू और निवर्तमान विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं.कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि विधायकों की सामूहिक इच्छा को ध्यान में रखा जाएगा और फिर पर्यवेक्षक इसे आलाकमान तक पहुंचाएंगे. एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि आलाकमान जो भी फैसला करेगा, वह हम सबको मंजूर होगा.उन्होंने कहा, “हमारे लिए पद महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण यह है कि हमने लोगों से जो वादे किए हैं, उन्हें हमें पूरा करना है और हम उसके लिए प्रतिबद्ध हैं.उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन में सरकार का गठन किया जाएगा.(भाषा)