सोनिया-गहलोत मुलाकात को लेकर उत्सुकता ! आखिर सोनिया के सामने क्या स्टैंड लेंगे गहलोत ? जानिए पूरा अपडेट

नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सोनिया गांधी (sonia gandhi) की आज होने जा रही मुलाकात को लेकर हर कोई उत्सुक है ! आखिर सोनिया के सामने मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर क्या स्टैंड लेंगे गहलोत ? इसके साथ ही एक बार फिर पायलट का नाम सामने आने पर क्या स्टैंड लेंगे ? 

इन सारे मुद्दों पर कल मुख्यमंत्री आवास पर डॉ. सीपी जोशी, शांति धारीवाल, महेश जोशी और प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच गंभीर मंत्रणा हुई है. सूत्रों के अनुसार धारीवाल ने गहलोत को इस सारे प्रकरण में सोनिया के सामने दो टूक स्टैंड लेने की सलाह दी है. वहीं एक दूसरे मंत्री ने नए मुख्यमंत्री के लिए कुछ लोगों का पैनल दिए जाने का सुझाव दिया है. लेकिन एक नेता इस विचार से सहमत नहीं दिखे. 

सूत्रों के अनुसार एक मंत्री ने पायलट के नाम पर आलाकमान द्वारा जिद किए जाने पर उनकी बात मान लिए जाने का भी सुझाव दिया है. लेकिन मंत्रियों के मौजूदा विभागों से कोई छेड़छाड़ नहीं हो. अब कुल मिलाकर अलग-अलग विचारों से गहलोत भी CONFUSED हो रहे हैं. ऐसे में अब देखने वाली बात यह है कि इस सभी मुद्दों पर गहलोत आज सोनिया गांधी के सामने क्या स्टैंड लेते हैं ? 

‘घर की बातों’ को सुलझा लिया जाएगा: 
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) बुधवार रात दिल्ली पहुंचे और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के नेतृत्व की सराहना की तथा उम्मीद जताई कि ‘घर की बातों’ को सुलझा लिया जाएगा. दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि मैं इंदिरा जी के समय से देखता आ रहा हूं. हमेशा पार्टी में अनुशासन है. इसलिए पार्टी के चाहे 44 सांसद आएं या 52 आएं, लेकिन पूरे देश में वह राष्ट्रीय पार्टी है और उसकी नेता सोनिया गांधी जी हैं. सोनिया गांधी जी के अनुशासन में पूरे देश में कांग्रेस है... ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं. उनका कहना था कि मेरा दृष्टिकोण कुछ अलग हो सकता है, (लेकिन) हम सबके दिल के अंदर नंबर एक बात होती है कि हम कांग्रेस अध्यक्ष के अनुशासन में काम करते हैं. मेरे हिसाब से, आने वाले वक्त में फैसले होंगे.

आज देश के ऊपर संकट है, उसे मीडिया को पहचानना चाहिए:
गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश के ऊपर संकट है, उसे मीडिया को पहचानना चाहिए. आज पत्रकार और लेखक संकट में हैं. देशद्रोह के नाम पर लोग जेल भेजे जा रहे हैं. हमें उन लोगों की चिंता है जिनके लिए राहुल गांधी (भारत जोड़ो यात्रा पर) निकल पड़े हैं. महंगाई, बेरोजगारी और देश में चल रही तानाशाही प्रवृत्ति की राहुल गांधी को चिंता है और हम सबको चिंता है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए इनसे (समस्याओं से) मुकाबला करना ज्यादा जरूरी है. ये (सियासी संकट) घर की बातें हैं, आतंरिक राजनीति में चलता रहता है, ये हम सब सुलझा लेंगे.