नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2019 में जामा मस्जिद इलाके से एक 18 वर्षीय लड़के के कथित अपहरण के एक मामले में तीन लोगों को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा ने पाया कि आरोपी- राहुल, चंदन और राजीव- तीन साल से अधिक समय से हिरासत में थे और उन्हें 25,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत पर नियमित जमानत पर रिहा कर दिया.
न्यायाधीश ने कहा कि निचली अदालत द्वारा 10 गवाहों का परीक्षण किया जाना बाकी है व महत्वपूर्ण गवाहों की पहले ही जांच की जा चुकी है और मुकदमे को समाप्त होने में कुछ समय लगेगा. अदालत ने इस बात को भी ध्यान में रखा कि पीड़ित को कोई चोट नहीं पहुंची और आरोपी को कोई पैसा नहीं दिया गया. अदालत ने अपने हालिया आदेश में कहा, “मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि आरोपी/याचिकाकर्ता साढ़े तीन साल से अधिक समय से हिरासत में है, यह न्यायालय याचिकाकर्ता को 25 हजार रुपये की राशि के व्यक्तिगत बांड और ट्रायल कोर्ट/उत्तराधिकारी कोर्ट/लिंक कोर्ट/संबंधित ड्यूटी जज की संतुष्टि के लिए समान राशि की दो जमानत के साथ नियमित जमानत देने के लिए इच्छुक है.
मामले के तथ्यों के अनुसार, 28 सितंबर, 2019 को, शिकायतकर्ता के 18 वर्षीय बेटे को जामा मस्जिद क्षेत्र से अज्ञात लोगों द्वारा अगवा किए जाने की सूचना मिली थी. अपहरणकर्ताओं ने लड़के को छोड़ने के लिए उसके परिवार से चार लाख रुपये की फिरौती मांगी. इस संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी. पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ गंभीर प्रकृति के आरोप हैं. सोर्स- भाषा