जयपुर: मुख्य सचिव निरंजन आर्य (Chief Secretary Niranjan Arya) ने कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (Pradhan Mantri Adarsh Gram Yojana) के अंर्तगत गांव विशेष की आवश्यकताओं का आकलन कर विकास कार्य करवाए जाएं. आर्य वीडियो कांफ्रेसिंग (Video Conferencing) के माध्यम से प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के लिए गठित राज्य सह संचालन एवं मॉनिटरिंग (Monitoring) समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
गांव में अनूसूचित जाति की 500 से अधिक संख्या होने पर करवाए जाते है विकास कार्य:
उन्होंने कहा कि इस योजना के अंर्तगत किसी भी गांव में अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) की 500 से अधिक संख्या होने पर गांवों में विकास कार्य करवाये जाते है. इन कार्याें में पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज सुरक्षा, डिजिटलाइजेशन, विद्युत (Drinking water, education, health, social security, digitization, electricity) सहित विभिन्न विकास कार्य इन गांवों में करवाये जाते है. उन्होंने कहा कि योजनांर्तगत करवाये जाने वाले कार्याें का विभाजन किया जाना चाहिए जिससे गांवों में विकास कार्याें की प्राथमिकता का निर्धारण हो सकें.
विभाग को निर्देश: आवंटित राशि तथा गांव के विकास कार्यों का ब्यौरा दे
उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि केन्द्र सरकार (Central Government) द्वारा आवंटित राशि तथा गांव के विकास कार्यों का संबधित विभागों में उच्च स्तर तक जानकारी दी जाए जिससे विकास कार्याें में दोहराव न हो साथ ही सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ योजना को पूर्ण करने में भूमिका निभाएं.
योजना के बारे में संबंधित जाति के लोगों को पूरी जानकारी हो:
आर्य ने कहा कि इस योजना के लिए अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामीण जनता को पूरी जानकारी हो इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टरों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि जो कार्य अन्य योजनाओं में इन गांवो में नही हो रहे है, उन कार्याें के लिए इस योजना से राशि प्राप्त कर गैप फिलिंग की जाए. उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि अब इस योजना की बैठक नियमित होनी चाहिए जिससे योजना के बारे में सभी को ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल सकें.
इस अवसर पर सामाजिक न्याय विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने आदर्श ग्राम योजना, इसकी प्रगति तथा कार्याें की जिलेवार प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जानकारी दी. बैठक में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांशु पंत, गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार, सूचना प्रौद्योगिकी के प्रमुख शासन सचिव आलोक गुप्ता वन एंव पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा, ग्रामीण विकास के सचिव के. के. पाठक, पंचायती राज की सचिव मंजू राजपाल,
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री सिद्वार्थ महाजन ने भी अपने सुझाव दिए. बैठक में सामाजिक न्याय, शिक्षा, ऊर्जा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी वीडियो कांन्फ्रेंसिग के माध्यम से जुड़े हुए थे.