Diwali 2022: दीपावली पर आज राजयोग में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, जानें विधि, मंत्र और महत्व

जयपुर: पंचांग का हिंदू धर्म में शुभ व अशुभ देखने के लिए विशेष महत्व होता है. पंचाग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है. यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, शुभ तिथि, नक्षत्र, व्रतोत्सव, राहुकाल, दिशाशूल और आज शुभ चौघड़िये आदि की जानकारी देते हैं. 

शुभ मास- कार्तिक मास कृष्ण पक्ष  
शुभ तिथि चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि सायं 5 बजकर 27 मिनट तक तत्पश्चात अमावस्या तिथि रहेगी. चतुर्दशी तिथि को अग्नि विषादिक कार्य, उग्र कार्य, बंधन इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. चतुर्दशी तिथि में जन्मे जातक धर्मात्मा, नवान, बुद्धिवान, भाग्यवान, पराक्रमी होते हैं. 
शुभ नक्षत्र हस्त "शिप्र" संज्ञक नक्षत्र दोपहर 2  बजकर 41 मिनट तक तत्पश्चात चित्रा नक्षत्र रहेगा. हस्त नक्षत्र मे यात्रा, विवाह, गृह प्रवेश, मांगलिक कार्य  इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. हस्त नक्षत्र में जन्मा जातक मेघावी, विलासप्रिय, धनवान, बुद्धिमान होता है. 

चन्द्रमा- सम्पूर्ण दिन कन्या राशि में संचार करेगा

व्रतोत्सव- दीपमालिका, पितृकार्य अमावस्या, हनुमान जन्मोत्सव, दीपवाली पर्व

श्री महालक्ष्मी दीपोत्सव निम्मित माँ लक्ष्मी पूजा मुहूर्त वेला-

प्रदोष काल मुहूर्त- सायं 5-47  मिनट से रात्रि 8-21 मिनट तक रहेगा.

वृषभ लग्न मुहूर्त- सायं 7-03 मिनट से रात्रि 9 बजे तक रहेगा.

सिंह लग्र मुहूर्त- मध्यरात्रि बाद 01-33 मिनट से अंत रात्रि 3-49 मिनट तक रहेगा

घर पर, व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए माँ लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त-
रात्रि 07-15 मिनट से रात्रि 07-28 मिनट तक, जिसमे प्रदोष काल, स्थिर वृष लग्न और कुम्भ का स्थिर नवमांश भी रहेगा.  

माँ लक्ष्मी पूजन के चौघड़िया मुहूर्त-
सायं 05-47 मिनट से रात्रि 07-23 मिनट तक चर का चौघड़िया रहेगा.
रात्रि 10-35 मिनट से रात्रि 12-11 मिनट तक लाभ का चौघड़िया रहेगा.
मध्य रात्रि बाद 1-47 मिनट से अंत रात्रि 04-15 मिनट तक शुभ एवं अमृत पूर्वार्द्ध का चौघड़िया रहेगा.