पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी संबंधित अधिकारियों से शराबबंदी कानून को कड़ाई से लागू करने और राज्य में शराब आपूर्ति की चेन तोड़ने पर ध्यान देने को कहा है.
सोमवार को शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुमार ने उनसे अन्य राज्यों से बिहार में होने वाली शराब तस्करी के रास्तों का पता लगाने को भी कहा. गौरतलब है कि बिहार ने अपैल, 2016 से राज्य में पूर्व शराबबंदी लागू की थी. बैठक के तुरंत बाद मुख्य सचिव आमिर सुभानी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि पुलिस, निषेधात्मक और आबकारी विभागों का ध्यान राज्य में शराब के आपूर्ति और वितरण चेन को तोड़ने पर होना चाहिए. अगर बिहार में शराब की आपूर्ति और वितरण में शामिल लोगों को पकड़ा जाएगा तो, शराब की उपलब्धता की जांच अपने आप हो जाएगी.
पांच हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा:
उन्होंने कहा कि इसलिए अधिकारियों की प्राथमिकता उन तरीकों की पहचान करने की होनी चाहिए जिनके जरिए दूसरे राज्यों से बिहार में शराब की तस्करी की जा रही है और इस अवैध कारोबार में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. सुभानी ने कहा कि कानून के अनुसार, पहली बार शराब का सेवन करने वाले व्यक्ति पर दो हज़ार रुपये से लेकर पांच हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
30 दिनों के लिए जेल भेज दिया जाएगा:
उन्होंने कहा कि अगर पहली बार अपराध करने वाला व्यक्ति जुर्माने का भुगतान करने में विफल रहता है, तो उसे 30 दिनों के लिए जेल भेज दिया जाएगा. दूसरी बार इस अपराध को करने वाले व्यक्ति को कानून के मुताबिक, कोई राहत नहीं मिलेगी और उसे एक साल जेल की सजा काटनी होगी. मद्यपान निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक ने कहा कि अक्टूबर में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में 20,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. सोर्स-भाषा