खेती में नई प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे रही है सरकार- नरेंद्र सिंह तोमर

खेती में नई प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे रही है सरकार- नरेंद्र सिंह तोमर

नई दिल्ली: सरकार नई कृषि प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे रही है. इससे उत्पादन लागत को कम करने, उत्पादन बढ़ाने और किसानों को बेहतर कीमतें सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मंगलवार को यह बात कही. तोमर ने उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा कि विभिन्न कृषि प्रौद्योगिकियों के उपयोग से 2025 की खाद्य मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक उत्पादन स्तर हासिल करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को खेती के घटते रकबे और प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव जैसी अन्य कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार इससे निपटने के लिए ड्रिप सिंचाई, जैविक और प्राकृतिक खेती पर ध्यान केंद्रित कर रही है. 

तोमर ने आगे कहा कि सरकार किसानों तक नई तकनीक पहुंचाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि मौसम पूर्वानुमान और नए बीजों और उर्वरकों के लिए प्रौद्योगिकियों के उपयोग से लागत कम करने, उत्पादन बढ़ाने और उत्पादकों को बेहतर कीमत सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. न्यूज़ीलैंड के कृषि और व्यापार मंत्री डेमियन ओ'कॉनर ने ‘सभी के लिए भोजन: खाने की मेज तक’ शीर्षक के एक सत्र में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हर देश के सामने चुनौती कृषि योग्य भूमि पर अधिक दबाव पैदा होने के बीच अधिक उत्पादन करने की है. इसके अलावा बाढ़ और जलवायु परिवर्तन के कारण सूखा पड़ने जैसी समस्या भी है. एक अन्य चुनौती कृषि क्षेत्र से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन है. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कृषि, पशुधन और खाद्य प्रणालियां वैश्विक उत्सर्जन में 35 प्रतिशत का योगदान करती हैं. न्यूजीलैंड में यह उत्सर्जन 48 प्रतिशत है.  उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड अनुसंधान करने के अलावा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए नई तकनीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि कृषि टिकाऊ बनी रहे. कारोबार को कार्बन-मुक्त करने पर महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनीश शाह ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने और कृषि उत्पादकता में सुधार के लिए साझेदारी कायम करने पर जोर दिया. 

उन्होंने कहा कि खाद्य प्रणालियों को सही मायने में टिकाऊ बनाने और बढ़ती खाद्य मांग को पूरा करने के लिए अब कार्रवाई करने का समय आ गया है. हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के सीईओ और प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा कि खाद्य प्रणालियां जटिल हैं. दुनिया में पर्याप्त भोजन पैदा करने पर भी लगभग 17 प्रतिशत भोजन बर्बाद हो जाता है. उन्होंने कहा कि खेत से खाने की मेज के बीच की खाई को दूर करने की जरूरत है. ओलम इंटरनेशनल लिमिटेड के सह-संस्थापक और समूह के सीईओ सनी वर्गीज ने कहा कि देश में खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में प्रौद्योगिकी एक बड़ी भूमिका निभा सकती है. सोर्स- भाषा