नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि इस तरह की जन धारणा है कि यदि सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया होता तो देश के सामने अनेक समस्याएं होती ही नहीं.
शाह भारत के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की 147वीं जयंती के अवसर पर राजधानी स्थित सरदार पटेल विद्यालय में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे. स्कूल का संचालन गुजरात एजुकेशन सोसायटी करती है. सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था.
सपने के बारे में जानने के लिए उनके बारे में पढ़ना चाहिए:
शाह ने इस अवसर पर गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में अनेक लोगों की मृत्यु पर दुख जताते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि पूरा देश इस भयावह दुर्घटना से सकते में है. पटेल का उल्लेख करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि छात्रों को और बच्चों को लोकतंत्र की गहरी जड़ों के साथ संगठित भारत के पटेल के सपने के बारे में जानने के लिए उनके बारे में पढ़ना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल केवल दूरदर्शी व्यक्ति ही नहीं थे बल्कि उन्होंने अपनी सोच को साकार करने के लिए कड़ा परिश्रम किया. वह कर्मयोगी थे. शाह ने कहा कि उसी व्यक्ति को महान कहा जा सकता है जिसे उसकी मृत्यु के कई साल बाद भी याद किया जाता है और ऐसे ही थे सरदार. देश में जन धारणा है कि अगर सरदार को भारत का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया होता तो देश के सामने आज मौजूद अनेक समस्याएं होती ही नहीं.
मातृ भाषा एवं बोली को जीवंत रखना चाहिए:
बुनियादी शिक्षा स्थानीय भाषा में दिए जाने को महत्वपूर्ण बताते हुए शाह ने कहा कि छात्रों को अपनी मातृ भाषा एवं बोली को जीवंत रखना चाहिए. गृह मंत्री ने देश की स्वतंत्रता के बाद 500 से अधिक रियासतों के भारत संघ में विलय में पटेल के योगदान को याद किया. केंद्र सरकार सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को, 2014 से ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाती आ रही है. सोर्स-भाषा