जयपुर: गुलाबी नगरी शुक्रवार को अपना 295वां स्थापना दिवस मना रही है. ज्योति विद्वान पंडित जगन्नाथ सम्राट और राजगुरु रत्नाकर पौंड्रिक ने सबसे पहले आमेर रोड स्थित गंगापोल गेट पर जयपुर की नींव रखी थी. जहां आज जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर नगर निगम की मेयर ने पूजा-अर्चना की. साथ ही शहर को स्वच्छ, खुशहाल, विकासशील और विरासत के संरक्षण की बात कही. हालांकि इस बार दोनों महापौर ने अलग-अलग पूजा अर्चना की. अंतिम समय में हेरिटेज महापौर के कार्यक्रम में बदलाव हुआ. इसके पीछे राजनीतिक कारण माने जा रहे हैं. वहीं दोनों ही महापौर ने जयपुर को एक सूत्र एकता के धागे में पिरोए रखने की प्रार्थना की.
हेरिटेज सिटी जयपुर का स्थापना दिवस मनाते हुए जयपुर के दोनों निगमों की मेयर मुनेश गुर्जर और सौम्या गुर्जर ने मोती डूंगरी गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना की. इसके बाद परकोटे में जयपुर की बसावट के दौरान बने पहले दरवाजे गंगापोल गेट पर विराजमान गणेश जी का पूजन किया. हालांकि दोनों महापौर अलग-अलग समय यहां पहुंची. इस दौरान हेरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि 1727 में महाराजा सवाई जयसिंह ने जयपुर की नींव रखी थी, उस समय की वास्तुकला और विरासत को संजोए रखने का काम किया जा रहा है. साथ ही जयपुर को स्वच्छता में भी नंबर वन बनाया जाएगा. पुराने कहां की पिछली बार यहां आए थे तो गंगापुर गेट और यहां बने परकोटे की दीवारों की हालत बदतर थी. लेकिन इस बार यहां भी हेरिटेज के संरक्षण का कार्य किया गया है.
वहीं उन्होंने बताया कि भगवान गणेश की पूजा आराधना कर ये प्रार्थना की है कि जयपुर अखंड रहे, यहां की गंगा जमुनी तहजीब बरकरार रहे. जहां तक आवारा पशुओं का सवाल है तो उन्हें पकड़ने के लिए युद्ध स्तर पर 10 दिन लगातार अभियान चलाया जा रहा है. वहीं उन्होंने ग्रेटर मेयर से अलग समय पर गंगापोल गणेश जी की पूजा करने के पीछे खुद का स्वच्छता को लेकर किए जाने वाले नियमित दौरे को कारण बताया.
वहीं ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने सभी शहर वासियों को जयपुर स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जयपुर सभ्यता - संस्कृति का संरक्षण करती है. ये हमारी धरोहर है इसे संजोए रखने की जिम्मेदारी सभी की है. यहां की सुंदर बसावट को बनाए रखते हुए इसमें चार चांद लगाने की जिम्मेदारी सभी है. वहीं उन्होंने आज से जयपुर समारोह का आगाज किए जाने की बात कही. जयपुर वासियों का नगर निगम के साथ ज्यादा से ज्यादा पार्टिसिपेशन हो इसके लिए विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे. युवाओं, महिलाओं, खिलाड़ियों के लिए भी अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि जयपुर एक है, जयपुर की आत्मा है, और जयपुर के लोगों का मन एक साथ है. यहां जयपुर हेरिटेज और ग्रेटर निगम के जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी एक साथ है. ये यूनिटी बनी रहनी चाहिए और भगवान से यही कामना है कि वो जयपुर को एक सूत्र एकता के धागे में पिरोए रखें. इस दौरान गंगापोल दरवाजे पर स्थित परकोटे वाले हनुमान जी के दर्शन कर यहां आराधना की. इससे पहले दोनों ही महापौर ने मोती डूंगरी गणेश मंदिर में प्रथम पूज्य की अर्चना की. वहीं बाद में गोविंद देव जी मंदिर पहुंच एक साथ गोविंद देव जी महाराज के दर्शन करते हुए जयपुर की खुशहाली की कामना की. यहां जयपुर समारोह के आगाज के तौर पर कथक नृत्य का आयोजन भी किया गया. जिसका यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के साथ निगम के अधिकारी-कर्मचारी, महापौर और पार्षदों ने भी लुत्फ उठाया. वहीं अब 18 नवंबर से 18 दिसंबर तक शहरवासियों के लिए बॉलीवुड नाइट, लाफ्टर नाइट, लोक नृत्य, हास्य कवि सम्मेलन और मुशायरा जैसे कई कार्यक्रम आयोजित होंगे. इन कार्यक्रमों की शृंखला के बीच नगर निगम की दोनों ही महापौर शहर की सफ़ाई व्यवस्था पर ज़ोर देती हुई दिखाई दी.