जयपुर VIDEO: जयपुर-आगरा रोड पर अवैध शराब की जमकर हो रही बिक्री, गली-मोहल्लों में ब्रांचों से बिक रही शराब, देखिए खास रिपोर्ट

VIDEO: जयपुर-आगरा रोड पर अवैध शराब की जमकर हो रही बिक्री, गली-मोहल्लों में ब्रांचों से बिक रही शराब, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुर: एक तरफ जयपुर शहर में आबकारी विभाग को राजस्व में टूट का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. शराब दुकानों से रात 8 बजे बाद जमकर शराब बिक्री हो रही है. साथ ही गली-मोहल्लों में जगह-जगह ब्रांचों से भी शराब बेची जा रही है. 

आगरा रोड पर वेटरीनरी कॉलेज के पास जग्गा की बावड़ी इलाके में एक कियोस्क से अवैध रूप से शराब बेची जा रही है. दिन हो या रात, यहां से किसी भी समय देशी और अंग्रेजी शराब खरीदी जा सकती है. अवैध शराब बिक्री की यह केवल एक जगह नहीं है, आगरा रोड पर दर्जनों स्थानों से इसी तरह अवैध शराब का बेचान होता है. आबकारी विभाग ने अधिकृत रूप से जयपुर शहर में 404 शराब दुकानें खोली हुई हैं. इनमें से करीब 385 शराब दुकानें नियमित रूप से संचालित हो रही हैं. लेकिन इसके बावजूद शहर के विभिन्न हिस्सों में अवैध ब्रांचों का नेटवर्क फैला हुआ है. आबकारी विभाग की भाषा में ब्रांच शराब बिक्री की उस जगह को बोला जाता है, जिसे शराब ठेकेदार ही संचालित करते हैं. इन ब्रांचों पर माल शराब की अधिकृत दुकानों से ही सप्लाई होता है. जयपुर शहर में आगरा रोड पर दुकान संचालित करने वाले 2 शराब ठेकेदारों ने अलग-अलग जगहों पर गली-मोहल्लों में शराब बिक्री के लिए ब्रांचें खोली हुई हैं. वेटरीनरी कॉलेज के पास जग्गा की बावड़ी इलाके में एक कियोस्क से धड़ल्ले से शराब बेची जाती है. 

इसी तरह आगरा रोड पर तिलक हॉस्पिटल के पास एक मकान के अंदर से ही जमकर शराब की बिक्री की जाती है. दरअसल इलाके में कई सांसी परिवार जो पहले अवैध मदिरा बनाकर बेचते थे, अब वे शराब ठेकों से शराब मंगवाकर बेचने का काम कर रहे हैं. सुमेल इलाके में तो एक शराब दुकान की छत से ही अवैध रूप से बिक्री होती है. यहां पर रात 8 बजे बाद भी कई बार शराब दुकान खुली रहती है. शराब दुकान बंद होने के बाद शराब की बिक्री दुकान के ऊपर छत से की जाती है. बड़ी बात यह है कि आबकारी विभाग के अफसरों को जानकारी होने के बाद भी वे इन पर कार्रवाई नहीं करते. शिकायत यह भी है कि कई शराब दुकानों पर अनाधिकृत तरीके से गांजा और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री भी की जाती है. देखना होगा कि फर्स्ट इंडिया न्यूज के खुलासे के बाद भी आबकारी विभाग इन पर कार्रवाई करता है या नहीं.
 

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