जयपुर: एसएमएस मेडिकल कॉलेज से अटैच जनाना अस्पताल में "व्यवस्थाएं" खुद बीमार है. जी हां, ये कोई हमारा आरोप नहीं, बल्कि ओपीडी में चिकित्सक से परामर्श के बाद जांच के लिए पर्ची कटवाने वाली सैंकड़ों महिला मरीजों की पीड़ादायी सच्चाई है. आलम ये है कि महिलाओं के सबसे बड़े अस्पताल में एक तरफ जहां जांच की पर्ची काटने के लिए सिर्फ दो ही काउंटर है, वो भी ओपीडी समय से दो घंटे पहले यानी की एक बजे ही बंद कर दिए जाते है.
ऐसे में रोजाना काफी संख्या में महिला मरीजों को सिर्फ पर्ची कटवाने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ रही है. चिकित्सक से परामर्श के बाद एक बजे जांच करवाने पहुंच रही महिला प्रसुताओं को दूसरे दिन आना पड़ रहा है. आखिर क्या है अस्पताल की जांच पर्ची काउंटरों की व्यवस्था और कैसे मरीजों के लिए दिक्कत दे रही यह अनदेखी.
ओपीडी टाइम से दो घंटे पहले ही जांच पर्ची कटना बन्द !
- SMS मेडिकल कॉलेज से अटैच अस्पतालों की ये कैसी व्यवस्था ?
- दरअसल, शीतकालीन सत्र में सुबह नौ बजे से शुरू होता है ओपीडी
- दोपहर तीन बजे तक है ओपीडी में चिकित्सकों से परामर्श का समय
- लेकिन चिकित्सक परामर्श पर जांच पर्ची कटना दो घंटे पहले ही बन्द
- अधिकांश अटैच अस्पतालों में एक बजे तक ही लिए जाते है सैम्पल
- ऐसे में महिला, जनाना समेत सभी अस्पतालों में मरीज होते परेशान
- सैंकड़ों मरीजों को सिर्फ जांच के लिए काटने पड़ रहे दो दिन चक्कर
- ऐसे में सवाल ये कि अस्पतालों में जिम्मेदार क्यों देख रहे सिर्फ खुद की सुविधा ?
- क्या SMS मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा देंगे इस और ध्यान ?