Jaisalmer: आभासी मोहक दुनिया में युवा व प्रौढ़ हो रहे 'हनी ट्रैप' का शिकार, अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर रही युवतियां

जैसलमेर: आपके पास किसी रॉन्ग नंबर से कॉल आए या आ चुका है और आप इस रॉन्ग नंबर वाले पर्सन से लगातार बात कर रहे हैं तो ये खबर अलर्ट करने वाली है. आप मुसीबत में फंस सकते हैं. इस आधुनिक युग में ऑनलाइन ठगी के लिए महिलाओं को ही जरिया बनाया जा रहा है. साइबर ठग गिरोह युवती व महिलाओं की फोटो और नाम का उपयोग कर इंटरनेट मीडिया पर हनी ट्रैप का जाल बिछा रहे हैं. ट्रैप में ऑफर ही इतना उत्तेजित होता है कि लोग फंसते चले जा रहे हैं. इंटरनेट मीडिया पर हनी ट्रैप की दास्तां पहले मजा फिर सजा वाली कहावत को ही चरितार्थ हो रही है.

सीमावर्ती जिले जैसलमेर में आमजन के साथ सेना के जवानों को शिकार बनाया जा रहा है. जिससे ठगी के साथ देश की सुरक्षा के लिए घातक बन रहा है. पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो साइबर ठग इंटरनेट मीडिया पर काफी सक्रिय हैं. ये लोगों की गतिविधि पर पैनी नजर रख रहे हैं. ठगी के लिए इंटरनेट मीडिया पर लाखों नए आइडी रोजाना बनाए जा रहे हैं और डिलीट भी किए जा रहे हैं. महिलाओं के नाम और फोटो वाले आइडी की भरमार है. 

खूबसूरत युवती और महिलाओं की फोटो के साथ अकाउंट बनाए जा रहे:
खूबसूरत युवती और महिलाओं की फोटो के साथ अकाउंट बनाए जा रहे हैं. एक ही युवती व महिला की फोटो का उपयोग कई क्षेत्र विशेष के अनुसार अलग-अलग नाम के अकाउंट में किया जाता है. फिर क्षेत्र विशेष के अनुसार वाले अकाउंट से लोगों को दोस्ती का आमंत्रण भेजा जाता है. आमंत्रण स्वीकार करते ही हाय, हेलो के साथ संबंध प्रगाढ़ करने का सिलसिला शुरू होता है. इसी क्रम में लोगों को जीवन, घर-परिवार, काम आदि की जानकारी हासिल की जाती है. फिर आगे के वार्तालाप के लिए फोन नंबर और वाट्सएप नंबर का आदान-प्रदान होता है. वाट्सएप नंबर मिलते ही वीडियो कॉलिंग के जरिए ऑनलाइन संबंध बनाने का ऑफर दिया जाता है.

किसी अनजान के साथ वीडियो काल पर शारीरिक संबंध जिंदगी की सबसे बड़ी भूल:
किसी अनजान के साथ वीडियो काल पर शारीरिक संबंध जिंदगी की सबसे बड़ी भूल साबित होती है. मोबाइल की स्क्रीन पर अनजान युवती या महिला को बिना कपड़ों के देखकर अंतरंगता की अनुभूति को प्राप्त करने के बाद मिलने वाली सजा एक धब्बा छोड़ जाती है. ऑनलाइन फिजिकल रिलेशन के दौरान हर हरकत को स्क्रीन रिकार्डिंग के जरिए रिकॉर्ड किया जाता है. चेहरे के साथ आपत्तिजनक स्थिति के रिकॉर्ड होते ही वीडियो कॉल काट कर रिकार्डिंग व्हाट्सएप पर भेज दिया जाता है. और फिर शुरू होता है ठगी या ब्लैकमेल का दौर. उस रिकॉर्डिंग को डिलीट करने के एवज में आपकी हैसियत के अनुसार रकम की मांग की जाती है. रकम नहीं देने की स्थिति में उस रिकॉर्ड वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर मौजूद सगे-संबंधियों, दोस्तों और परिवार वालों को भेजकर वायरल करने की धमकी दी जाती है. 

दर्ज मामलों से कई गुणा अधिक मामले हो रहे:
उस रिकॉर्ड वीडियो को आधार बनाकर ठगी या ब्लैकमेल करने का सिलसिला लगातार चलता ही रहता है. इस मौके पर जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक भवरसिंह नाथावत ने अपील करते हुए कहा की इस तरह की कई शिकायतें पुलिस के साइबर क्राइम थाने में दर्ज हुई है. पुलिस की मानें तो इस तरह के मामले दर्ज हो रहे हैं. जबकि दर्ज मामलों से कई गुणा अधिक मामले हो रहे हैं. इस तरह के प्रपोजल से सतर्क रहने की आवश्यकता है. पुलिस की साइबर क्राइम टीम ठगी के मामलों को लेकर लगातार सतर्कता अभियान चला रही है. पुलिस सूत्रों की मानें तो इस तरह आनलाइन शारीरिक संबंध बनाने के दौरान मोबाइल स्क्रीन पर जो युवती या महिला बिना कपड़ों के दिखती है वह रियल नहीं होती है. बल्कि एडल्ट और पोर्न वीडियो को टैब, लैपटॉप या डेस्कटॉप पर चलकर दिखाया जाता है. ठग महिला है या पुरुष यह भी जान पाना मुश्किल है.