कोटा (भंवर एस. चारण) : साल 2022 जाते-जाते कोचिंगसिटी को बड़ी खुशखबरी सुनाते हुए आसमानी सफर की उम्मीदों को भी नए पंख लगा दिए हैं. केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने कोटा में नए एयरपोर्ट के लिये वनभूमि डायवर्जन के माह से अटके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी हैं तो लगे हाथ नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की आपत्तियां भी क्लियर कर दी गई हैं और अब लोकसभा स्पीकर ओमबिरला उम्मीद बंधा रहे हैं कि नए साल के साथ ही कोटा में नये एयरपोर्ट के निर्माण का काम शुरु हो जाएगा. दिलचस्प बात ये हैं कि स्पीकर बिरला के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश के यूडीएच मंत्री तक जोरशोर से कोटा में नए एयरपोर्ट के निर्माण की मुहिम में शामिल हैं. तो खबर ये भी हैं कि इस बड़े काम के सभी प्रस्ताव क्लियर होने के बाद प्रधानमंत्री के कोटा में नए एयरपोर्ट की स्थापना के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए आने का कार्यक्रम बन रहा हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शायद अब अगला चुनाव लोकसभा स्पीकर ओमबिरला के सामने लडने की जहमत नहीं उठानी पडेगी. क्योंकि कोटा में नए एयरपोर्ट की स्थापना का मार्ग आखिरकार अब प्रशस्त होता नजर आ रहा हैं. कोटा एयरपोर्ट की फाइल ने सबसे बङी बाधा को पार करते हुए वनभूमि के डायवर्जन के प्रस्ताव को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पार कर लिया हैं तो साथ ही रामगढ टाइगर रिजर्व के बफर जोन का मामला भी नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड के हवाले से सुलझ जाने की खबर हैं. इधर एयरपोर्ट के लिए निशुल्क जमीन देने से लेकर वनभूमि डायवर्जन शुल्क तक अदा करने पर राज्य सरकार की सैद्वांतिक सहमति के बाद अब इस मामले में गति आने और नए साल में कोटा में नए एयरपोर्ट का काम शुरु होने की उम्मीदें मजबूत हो गई हैं.
ऐसा नहीं हैं कि कोटा में एयरपोर्ट नहीं हैं, लेकिन जो एयरपोर्ट शहर के एयरोड्रम सर्किल पर स्थित हैं.वो छोटा पङता जा रहा हैं और शहर के बीचों-बीच बहुमंजिला इमारतों से भी घिर गया हैं और पुराने हवाईअड्डे का रनवे भी समय के साथ अब छोटा और अनुपयुक्त हो चला हैं. ऐसे में कोटा में उपयुक्त हवाईअड्डे के अभाव में हवाईसेवाएं भी ठप्प हो गई हैं.ऐसे में कोचिंगसिटी में सबकुछ हैं लेकिन एयरसर्विस नहीं होने के चलते निवेश से लेकर पर्यटन तक सबकुछ प्रभावित हो रहा हैं. सांसद बनते ही लोकसभा स्पीकर ओमबिरला ने कोटा की जनता से हवाईसेवा का जो वादा किया था वो भी तभी पूरा होना संभव हैं, जब यहां नया एयरपोर्ट बन जाए और इसके लिए अब कोटा-बूंदी जिलों के शंभुपुरा-जाखमूंड गांवों के बीच 500 हैक्टेयर जमीन चिन्हित की गयी हैं.राजस्थान के मुख्यमंत्री तक कोटा के लोगों से मुखातिब होने के हर मौके पर यहां एयरपोर्ट की स्थापना का जिक्र करना और इसकी जरुरत पर जोर देकर बात करना नहीं भूलते हैं.
नए एयरपोर्ट के निर्माण के लिये जमीन को लेकर फंसे पेंच से ये काम लंबे समय तक अटका रहा था.यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल नये एयरपोर्ट की जमीन देने से पहले पुराने एयरपोर्ट की जमीन पर यूआईटी का स्वामित्व चाहते हैं और यहां मिनि सचिवालय के निर्माण का इरादा जाहिर करते रहे हैं.बहरहाल पुराने एयरपोर्ट की जमीन पर केन्द्र और राज्य की सरकारों की रस्साकशी से परे अब नये एयरपोर्ट को लेकर केंद्र-राज्य सरकारों में बेहतर तालमेल के साथ तेजी से प्रोसेस हो रही नए एयरपोर्ट की फाइल ने कोटा शहर को विदाई ले रहे साल 2022 ने बडी खुशखबरी सुना दी हैं और साल 2023 में प्रधानमंत्री के कोटा दौरे और इस दौरान नए एयरपोर्ट के शिलान्यास की उम्मीदें भी बंधा दी हैं. उम्मीद की जा रही हैं कि बरसों से नए एयरपोर्ट के सपने को आंखों में संजोये बैठे कोचिंगसिटी के लोगों के लिए 3 साल में करीब 1000 करोड की लागत से बनने जा रहा नया एयरपोर्ट आसमानी सफर का कोटा का सपना तो धरातल पर उतारेगा ही लेकिन साथ ही कोचिंगसिटी को तरक्की की उडान के नए पंख भी पहनाएगा.