जयपुर: ब्रज चौरासी में संत के बलिदान के बाद अवैध खनन को जड़ से उखाड़ने की मंशा से अभियान शुरू करने वाले खान, वन और पुलिस महकमे के भी लंबे संघर्ष में अब हाथ पैर फूलते दिखाई दे रहे हैं. एक पखवाड़े में खनन माफिया को उखाड़ फैंकने का दावा करने वाले तीनों विभागों की टीमों से खनन माफिया लुकाछिपी खेलता दिखाई दे रहा है.
अवैध खनन अभियान के 88 दिन के आंकडे:
विवरण खान विभाग मय पुलिस पुलिस वन योग
अवैध खनन 199 39 58 296
अवैध निर्गमन 1547 413 33 1993
अवैध भंडारण 80 15 0 95
कुल प्रकरण 1826 467 91 2384
FIR 306 428 71 805
गिरफ्तारी 126 322 35 483
बडी जब्त मशीन 79 0 02 81
कुल वाहन/मशीन जब्त 1769 563 88 2420
खनिज जब्त 7170 8876 12 79858
जुर्माना 13.09 करोड़ 34.67 लाख - 13.63 करोड़
ब्रज चौरासी में अवैध खनन के विरोध में खुद को आग के हवाले कर जीवनलील समाप्त करने वाले संत का बलिदान भी खनन माफिया पर अंकुश नहीं लगा सका. आस्था और पर्यावरण के सबसे बड़े दुश्मन खनन माफिया के आगे सरकारी मशीनरी पस्त नजर आने लगी है. खनन माफिया को उखाड़ फैंकने के आदेशों के बाद भी खान, वन और पुलिस महकमे की टीमें ज्यादा कुछ नहीं कर पाई हैं. हालांकि तीनों विभागों की टीमों ने अपनी तरफ से खनन माफिया को तबाह करने के पूरे प्रयास किए लेकिन माफिया की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उन्हें जड़ से उखाड़ फेंकना इतना आसान नहीं. गत 88 दिन में 805 एफआईआर दर्ज कर 483 को गिरफ्तार किया गया है. रोजाना औसतन 27 मामले और 9 एफआईआर दर्ज की जा रही हैं जो अवैध खनन पर कार्रवाई के इतिहास की सबसे तेज कार्रवाई है. ब्रज चौरासी में बरसों से अवैध खनन कर आस्था की जड़ों को खोखला करने वाले माफिया सरकार की ताकत के आगे बेबस तो नजर आ रहा है लेकिन अभी भी हथियार डालने को तैयार नहीं. ब्रज चौरासी में संत विजयदास का बलिदान खाली नहीं गया. अभी तक अपने सियासी रसूक, धन बल और बाहुबल से पूरे प्रदेश के गर्भ को चीरकर अवैध खनन से चांदी काट रहा खनन माफिया 88 दिन से चल रही कार्रवाई से भयभीत है.
ब्रज चौरासी की घटना के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस और खान विभाग को खनन माफिया को उखाड़ फैंकने के निर्देश दिए थे. इसके बाद पुलिस, खान और वन विभाग ने जबर्दस्त कार्रवाई करते हुए ब्रज चौरासी ही नहीं पूरे प्रदेश में खनन माफिया को चिन्हित कर हमला बोल दिया था तो अभी तक जारी है. इस अभियान के नतीजे उत्साहजनक तो हैं लेकिन गुंजाइश अभी भी बाकी है. अभियान के पहले 88 दिन में ही प्रदेश में अवैध खनन, निर्गमन और भंडारण के रोजाना औसतन 27 से ज्यादा मामले बनाए जा रहे हैं. रोजाना औसतन 9 से ज्यादा एफआईआर और 5 से ज्यादा लोगों को रोजाना गिरफ्तार किया जा रहा है. रोजाना करीब दो बड़ी मशीन, रोजाना औसतन 27 से ज्यादा मशीन और वाहन जब्त किए जा रहे हैं. कार्रवाई का आलम यह है कि रोजाना औसतन 907 टन खनिज जब्त कर करीब 15 लाख रुपए रोजाना जुर्माना वसूला जा रहा है. दैनिक औसत के हिसाब से प्रदेश के इतिहास की ये सबसे तेज, बड़ी और सख्त कार्रवाई है.
अभियान के नोडल अधिकारी वाईएस सहवाल ने बताया कि अवैध खनन की निगरानी और रैकी पुलिस के ड्रोन तक से की जा रही है. सरकार ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. मुख्य सचिव ने तो यहां तक कहा था कि अवैध खनन के स्पॉट पर जाकर उसे खत्म किया जाए और कोई कितना ही रसूकदार क्यों न हो उसे बख्शा नहीं जाए. डीजीपी ने भी अवैध खनन मामले में जो पुरानी 3257 FIR हैं और सरकारी अमले से मारपीट की 62 FIR उन्हें 15 दिन में निस्तारण करने के निर्देश दिए थे हालांकि 88 दिन में भी इनका निस्तारण नहीं हो सका है. अवैध खनन पर सरकार की सख्ती के आदेशों से सरकार की मंशा साफ है कि अब अवैध खनन मंजूर नहीं और न ही माफिया की सियासी सरपरस्ती. अब खनन तो होगा पर वैध होगा और नियमों से ही होगा. पर जो हालात हैं उससे लगता है कि लड़ाई अभी लंबी चलने वाली है.