नागौर: कोरोना के दो साल बाद विजयादशमी यानी दशहरा (Dussehra) पर जिला स्टेडियम में रावण फिर अकेले मैदान में होंगे. दहन के लिए स्टेडियम में कारीगरों द्वारा रावण के 50 फीट हाइट के पुतले को आकार देकर तैयार किया जा रहा है.
दरअसल, नागौर (Nagaur) शहर में पहली बार 2015 में रावण के पुतले के साथ-साथ उनके भाई मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का भी दहन किया गया था. इसके बाद रावण अकेले रहे गए और वर्ष 2016 से लेकर 2019 के दहन केवल उन्हीं के पुतले का हुआ है. इसके बाद कोरोना की वजह से वर्ष 2020-2021 में रावण दहन का कार्यक्रम स्टेडियम में नहीं हो पाया. अब दो साल बाद फिर स्टेडियम में दशहरा पर 5 अक्टूबर को रावण दहन का कार्यक्रम होगा.
खास बात यह है कि रावण का गत सात साल में कद नहीं बढ़ पाया है. पांचवीं बार रावण के 50 फीट पुतले का ही दहन होगा. पुतले में 30 हजार से ज्यादा के पटाखे भरे जाएंगे. ऐसे में यहां आतिशबाजी आकर्षण का केंद्र रहेंगी. वर्ष 1966 में नगर पालिका द्वारा रावण पुतला दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. रावण पुतला दहन की परंपरा 1959 में भामाशाह परसराम के सहयोग से शुरू हुई थी. रावण का पुतला बनाने के कलाकार लक्ष्मीनारायण पाठक की कला को भामाशाह ने पहचाना और आर्थिक सहयोग देकर उन्हें रावण का पुतला बनाने को कहा.
इस बार जिला स्टेडियम में 54वां रावण दहन:
इस पर कलाकार ने नागौर शहर के लिए पहली बार रावण के पुतले का निर्माण किया. इस रावण के पुतले का दहन झड़ा तालाब के पास किया गया था. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में शहरवासी उमड़े. समय के साथ रावण का आकार बढ़ता गया और अब रावण पुतले की हाइट 50 फीट तक पहुंच गई है. सबसे पहला रावण का पुतला महज 25 फीट का ही था. कोरोना में 2020 और 2021 को छोड़ इस बार नागौर जिला स्टेडियम में रावण दहन का 54वां आयोजन होगा.