जयपुर: जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक नवाचार होने जा रहा है. अब सर्दियों में कोहरे के समय या फिर तेज बरसात के समय कम दृश्यता की वजह से फ्लाइट्स की लैंडिंग में होने वाली परेशानी कम होगी. यदि दृश्यता 50 मीटर से ज्यादा हुई तो विमानों का आवागमन संभव हो सकेगा. कैसे संभव होगा यह, किस तरह का नवाचार हो रहा है. यूं तो जयपुर में सर्दियों में कोहरा कम दिनों के लिए ही होता है, लेकिन अब कोहरे के दौरान भी फ्लाइट्स की लैंडिंग और टेक ऑफ संभव हो सकेगा. यह सब संभव होगा जयपुर एयरपोर्ट पर लगाई गई नई रनवे विजिबिलिटी रेंज नामक नए उपकरण के जरिए.
दरअसल जयपुर एयरपोर्ट पर 10 माह के अंतराल में 2 एडवांस क्षमता के नए रनवे विजिबिलिटी रेंज उपकरण लगाए गए हैं. एयरपोर्ट प्रशासन ने इन उपकरणों को लाने के साथ ही एयरपोर्ट पर इंस्टॉलेशन करवा दिया है. एक उपकरण रनवे छोर संख्या 9 की तरफ जबकि दूसरा उपकरण रनवे छोर संख्या 27 की तरफ लगाया गया है. ऐसे में दोनों तरफ से अब कम दृश्यता में विमानों की लैंडिंग करवाई जा सकेगी. पहला उपकरण जहां पिछले वर्ष दिसंबर में लगाया गया था, जबकि दूसरा उपकरण 3 दिन पूर्व लगाया गया है. जयपुर एयरपोर्ट से जुड़े सूत्रों की मानें तो पूर्व में लगे उपकरणों में तकनीकी खामी होने के चलते इन्हें रिप्लेस करना जरूरी था. इसके लिए एयरपोर्ट प्रशासन कवायद में जुटा हुआ था.
रनवे विजिबिलिटी रेंज उपकरण से क्या बदलेगा ?:
- RVR उपकरण रनवे दृश्यता के सही आकलन के लिए जरूरी
- इससे एटीसी को रनवे पर मौजूद दृश्यता की एक्युरेट जानकारी मिलेगी
- एटीसी इसी जानकारी को विमान के पायलटों के साथ शेयर करेगा
- न्यूनतम 50 मीटर तक दृश्यता की जानकारी मिल सकेगी
- यदि पायलट दक्ष होगा तो इतनी कम दृश्यता में भी विमान उतार सकेगा
- पायलट दक्ष नहीं हुआ तो उसे दृश्यता सुधरने तक होल्ड पर रखा जाएगा
- जयपुर एयरपोर्ट पर कैट थ्री बी लाइटिंग सिस्टम पहले से लगा हुआ
- कैट थ्री बी होने से 75 मीटर की दृश्यता में भी विमान उतारना संभव
- ऐसे में दोनों की मदद से कम दृश्यता में विमान आसानी से उतर सकेंगे
दरअसल इस उपकरण का ज्यादा फायदा डायवर्जन की स्थिति में मिलेगा. जयपुर एयरपोर्ट पर दृश्यता सर्दियों में भी बेहतर बनी रहती है. चूंकि कोहरे के दिन काफी कम होते हैं, ऐसे में दृश्यता ठीक होने से विमानों का आवागमन सुगम रहता है, लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट पर सर्दियों में कोहरा ज्यादा रहता है. ऐसे में दिल्ली में लैंड नहीं हो पाने वाले विमान अक्सर जयपुर डायवर्ट होते हैं. ऐसे में यह उपकरण लगने से डायवर्ट होकर आने वाले विमानों की लैंडिंग आसानी से हो सकेगी. एक मशीन की लागत 1 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है.
अभी और फुलप्रूफ बनेगा सिस्टम:
- जयपुर एयरपोर्ट पर जल्द ही एक और RVR उपकरण लगेगा
- यह उपकरण रनवे की लंबाई के मध्य में इंस्टॉल किया जाएगा
- इससे रनवे दृश्यता की जानकारी और बेहतर मिल सकेगी
- एयरपोर्ट प्रशासन यह उपकरण जनवरी तक लगा सकता है
- एयरपोर्ट पर जीरो कार्बन एमिशन की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे
- सोलर एनर्जी को बढ़ाने व इलेक्ट्रिक व्हीकल्स लाने की कवायद हुई