बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इस कदम से सभी “राष्ट्र विरोधी तत्वों” को संदेश जाएगा कि इस देश में उनके लिए कोई जगह नहीं है.
पीएफआई पर कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. बोम्मई ने कहा कि राज्य में पीएफआई की गतिविधियों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश के लोगों और विपक्षी दलों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों की ओर से लंबे समय से यह मांग की जा रही थी. पीएफआई, सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) और केएफडी (कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी) का अवतार है. ये राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और हिंसा में लिप्त थे.
इस पर प्रतिबंध लगाने का समय आ गया:
बोम्मई ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पीएफआई के आका देश के बाहर स्थित हैं और उसके कुछ पदाधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सीमापार तक जा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएफआई सभी तरह की असामाजिक गतिविधियों में शामिल रहने वाला संगठन है और इस पर प्रतिबंध लगाने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि इसकी पृष्ठभूमि में बहुत सारा काम किया गया, सूचनाएं एकत्र की गईं और मामला बनाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सही निर्णय लिया गया है.
जो कुछ भी जरूरी होगा वह किया जाएगा:
बोम्मई ने कहा कि यह सभी राष्ट्र विरोधी समूहों के लिए संदेश है कि इस देश में उनके लिए कोई जगह नहीं है. मैं लोगों से भी आग्रह करता हूं कि वे ऐसे संगठनों में शामिल न हों. कर्नाटक में पीएफआई के मजबूत होने और उसके लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम के बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में बोम्मई ने कहा, जो कुछ भी जरूरी होगा वह किया जाएगा. सोर्स-भाषा