प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए और लोगों से बापू को श्रद्धांजलि के तौर पर खादी तथा हस्तशिल्प उत्पाद खरीदने का अनुरोध किया. उन्होंने भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी दो अक्टूबर को उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि उनकी सादगी तथा निर्णय क्षमता के लिए देशभर में उनकी सराहना की जाती है. प्रधानमंत्री राजधानी के राजघाट स्थित बापू के समाधि स्थल भी गए और उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर वहां सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया.

प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, गांधी जयंती पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि. इस बार गांधी जयंती बहुत खास है क्योंकि भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. मेरी कामना है कि हम हमेशा बापू के आदर्शों पर खरे उतरें. मैं आप सभी से गांधी जी को श्रद्धांजलि के तौर पर खादी तथा हस्तशिल्प उत्पाद खरीदने का भी आग्रह करता हूं. शास्त्री को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी की उनकी सादगी तथा निर्णय क्षमता के लिए पूरे भारत में प्रशंसा की जाती है. हमारे इतिहास के बेहद अहम मौके पर उनके मजबूत नेतृत्व को हमेशा याद रखा जाएगा. उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि.

प्रधानमंत्री ने दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय में उनकी गैलरी की कुछ झलकियां भी साझा की, जिसमें शास्त्री की जीवन यात्रा तथा उपलब्धियों को दिखाया गया है.उन्होंने देशवासियों से इस संग्रहालय का दौरा करने का भी आग्रह किया.इस ट्वीट के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न अवसरों पर उनके द्वारा शास्त्री को दी गई श्रद्धांजलि से जुड़ा एक वीडियो भी साझा किया.महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में दो अक्टूबर 1869 में हुआ था. उनके जन्मदिन को गांधी जयंती के साथ ही अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. 

अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजाद कराने की लड़ाई का उन्होंने नेतृत्व किया था. अहिंसक विरोध का उनका सिखाया हुआ सबक आज भी पूरी दुनिया में सम्मान के साथ याद किया जाता है. प्रधानमंत्री मोदी शास्त्री के स्मारक विजय घाट भी गए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे. उनका जन्म दो अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश में हुआ था. उनकी सादगी और विनम्रता के लोग कायल थे. उन्होंने वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान जय जवान जय किसान का नारा दिया था. (भाषा)