मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) थोक ई-रुपये के पायलट परीक्षण के बाद इसी महीने खुदरा ई-रुपये का परीक्षण शुरू कर देगा. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यह बात कही. उन्होंने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की शुरुआत को देश में मुद्राओं के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण बताया. मंगलवार को सीमित बैंकों के बीच थोक लेनदेन के लिए ई-रुपये की शुरुआत की गई थी.
उन्होंने कहा कि इससे कारोबार करने का तरीका काफी हद तक बदल जाएगा. दास ने यहां बैंकरों के वार्षिक एफआईबीएसी सम्मेलन में कहा कि खुदरा कारोबार के लिए सीबीडीसी का परीक्षण इस महीने के अंत में शुरू किया जाएगा. हम तारीख की घोषणा अलग से करेंगे. उन्होंने कहा कि आरबीआई निकट भविष्य में सीबीडीसी को पूरी तरह पेश करना चाहता है. हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बताई.
दास ने कहा कि मैं एक तय तारीख नहीं बताना चाहता, जिस समय तक सीबीडीसी को पूरी तरह पेश किया जाएगा, क्योंकि इस संबंध में हमें बहुत सावधानी से आगे बढ़ना है. दुनिया में ऐसा पहली बार हो रहा है. हम बहुत जल्दबाजी करना नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी चुनौतियां हो सकती हैं, कुछ प्रक्रिया संबंधी चुनौतियां हो सकती हैं और आरबीआई उन सभी पहलुओं को दूर करना चाहता है. केंद्रीय बैंक सीबीडीसी को इस तरह पेश करना चाहता है ताकि कोई समस्या पैदा न हो. दास ने इस दौरान कृषि ऋण को डिजिटल करने पर पायलट परियोजना के अनुभवों को बताया और कहा कि आरबीआई 2023 में इसे छोटे कारोबारी ऋणों के लिए विस्तारित करना चाहता है. (भाषा)