नागौर: जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में एवलांच की वजह से शहीद हुए नागौर जिले के लाल लाडनूं तहसील के रोड़ू गांव निवासी लांस नायक शहीद मुकेश कुमार को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी. इससे पहले सेना के जवानों ने जैसे ही उन्हें अपने कांधों पर उठाया तो बहन ने भाई की अर्थी के पीछे बदहवास हालत में दौड़ लगा दी और मां चीख पड़ी. वहीं पत्थर बने बुजुर्ग पिता को रिश्तेदारों ने बड़ी मुश्किल से संभाला.
18 नवंबर को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आए एवलांच से भारतीय सेना के तीन जवान इस एवलांच की चपेट में आ गए. गश्त के दौरान हुए भारी हिमस्खलन में तीनों जवान दब गए. सेना की तरफ से तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया लेकिन तब तक तीनों जवान बर्फ में ही दम तोड चुके थे. शहीद होने वाले इन जवानों में नागौर जिले के लाडनूं तहसील के रोड़ू गांव के लांस नायक मुकेश कुमार भी शामिल थे. मुकेश कुमार की पार्थिव देह को विशेष विमान से बीकानेर पहुंचाया गया जहां से विशेष सैन्य वाहन से आज सुबह लाडनूं लाया गया.
गांव में पसरा सन्नाटा:
छोटे से गांव रोडू में मुकेश कुमार की शहादत सूचना मिलते ही मातम सा छा गया. लेकिन ग्रामीणों ने घर की परिस्थिति देखते हुए दो दिन तक परिजनों से इस बात को छुपाकर रखा ताकि शहीद की पार्थिव देह पहुंचने में देरी होने की स्थिति में घर वालों को दो दिन इसकी जानकारी ना मिले. गांव के मोजिज लोगों को इस बात की खबर थी. कल शहीद की पार्थिव देह चार्टर्ड विमान से बीकानेर पहुंचने के बाद परिजनों को घटना की जानकारी दी गई. लेकिन शहीद की मां को सुबह ही इस दुखद घटना की जानकारी दी गई. घटना की जानकारी मां को देने के बाद घर में कोहराम मच गया. ग्रामीणों और अतिरिक्त जिला कलक्टर कमला अलरिया सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों को ढांढस बंधाया.
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई:
शहीद की पार्थिव देह को सैन्य वाहन द्वारा सुबह बीकानेर से लाया गया जहां से हजारों युवाओं ने हाथ में तिरंगा लिए रैली निकालते हुए शहीद की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए घर तक पहुंचाया. घर में अंतिम दर्शन के बाद शहीद की अंतिम यात्रा शुरू हुई जिसमें हजारों की तादाद में लोग अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे. इस दौरान शहीद मुकेश कुमार अमर रहे के नारों से आसमान गूंज उठा.
सेना के जवानों ने दी अंतिम सलामी:
बीकानेर से आई भारतीय सेना की टुकड़ी ने पूर्ण सैन्य सम्मान्न के साथ शहीद को अंतिम सलामी देकर अंतिम विदाई दी. इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर डीडवाना कमला अलारिया, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी डीडवाना राजेंद्र सिंह जोधा, लाडनूं विधायक मुकेश कुमार भाकर सहित सैन्य और प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं ने पुष्प चक्र अर्पित कर सहित को सलामी दी.
2018 में सेना में शामिल हुए थे लखारा:
साल 2000 में जन्मे मुकेश कुमार ने 2018 में आर्मी को जॉइन किया था. मुकेश कुमार लखारा 56 राष्ट्रीय राइफल्स की 268 फील्ड रेजिमेंट में लांस नायक पद पर तैनात थे. शहीद के पिता किशनलाल लखारा गांव में ही खेती करते हैं. शहीद मुकेश के एक छोटा भाई है. जो अभी सेना की तैयारी कर रहा है.