जयपुर: प्रदेश में भ्रष्टाचारी इन दिनों संकट में है. उनके दिन-रात इसी चिंता में गुजर रहे हैं कि कहीं ACB आ गई तो क्या होगा ? भ्रष्टाचारियों में ये खौफ राजस्थानवासियों को आजकल सुकून दे रहा है क्योंकि राज्य का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानि एसीबी ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है. हम बात कर रहे हैं एसीबी के डीजी बीएल सोनी. एडीजी दिनेश एमएन की, इनके सुपरविजन में करीब 10 माह में ही 400 से अधिक ट्रेप किये है. एसीबी लगातार भ्रस्टाचारियों को पकड़ती जा रही है.
भ्रष्टाचार समाज की जड़े खोखला करता है और भ्रष्टाचारी आमजन के हक पर डाका डालते हैं. यहां भ्रष्टाचारी खौफ में हैं और उनके दिन-रात इसी चिंता में गुजर रहे हैं कि कहीं ACB आ गई तो क्या होगा ? भ्रष्टाचारियों में ये खौफ राजस्थान वासियों को आजकल सुकून दे रहा है क्योंकि राज्य का भ्रष्टाचार नियंत्रण ब्यूरो यानि एसीबी ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है. राजस्थान में इन दिनों एसीबी लगातार बड़े-बड़े रिश्वतखोरों का भांडा फोड़ने में लगी है.
अलवर में घूसखोर आईएएस नन्नूमल पहाड़िया हो, या दौसा में पूर्व एसपी मनीष अग्रवाल हो या फिर बारां के तत्कालीन जिला कलेक्टर इंद्र सिंह राव ही क्यों न हो. भ्रष्टाचारियों में भगदड़ मची है. हालांकि भ्रष्टाचार रोकने के लिए बहुत दावे किए जाते हैं लेकिन ये दावे जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण हवा हवाई ही नजर आते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से राजस्थान में तस्वीर जुदा है. यहां भ्रष्टाचारी खौफ में हैं और उनके दिन-रात इसी चिंता में गुजर रहे हैं कि कहीं ACB आ गई तो क्या होगा ?
प्रदेश में ACB की ताबड़तोड़ कार्रवाइयां:-
- इस साल सबसे अधिक ट्रैप के मामले पुलिस विभाग में आये सामने
- एसीबी ने 75 पुलिसकर्मियों को 9 माह में किया ट्रैप
- रेवन्यू विभाग में 70 घूसखोरों को किया ट्रैप
- पंचायत विभाग में 40 घूसखोरों पर हुई कार्रवाई
- UDH में 30 तो ऊर्जा विभाग में 25 घूसखोरों पर हुई कार्रवाई
- ACB DG बीएल सोनी, ADG दिनेश एमएन के निर्देश पर हुई कार्रवाई
एसीबी अफसर फिर फॉर्म में लौट आये है. अफसर एक के बाद एक ट्रैप की कार्रवाई करके घूसखोर अफसर-कर्मचारियों को सलाखों के पीछे भेज रहे हैं. एक के बाद एक एसीबी के अफसरों ने 10 माह में ही 400 से अधिक ट्रैप की कार्रवाई करके दलालों व अफसर-कर्मचारियों को 100 रुपए से लेकर 75 लाख रुपए तक की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. इस साल अब तक 450 से अधिक घूसखोरो को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है. यह कार्रवाई पिछले 10 माह में एसीबी की टीम ने की है.
हालांकि अभी भी एसीबी में नफरी की कमी चल रही है. लेकिन नफरी की कमी के बावजूद भी एसीबी लगातार घूसखोरो को पकड़ रही है. अगर इस साल के सिर्फ अक्टूबर माह की बात करे तो एसीबी ने 33 ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया है. लगातार एसीबी की कार्रवाइयों के चलते अब एसीबी में लगातार परिवादियों की संख्या भी बढ़ रही है, सूत्रों की माने तो जितने परिवादी पूरे एक साल में एसीबी पहुंचते थे. उससे अधिक परिवादी हर माह ही एसीबी मुख्यालय में पहुंचे हैं. एसीबी अधिकारियों की सही योजना, सही समय का इंतजार और सही रणनीति के चलते ही इन्हें किसी बड़े घूसखोर तक पंहुचा देती है.