जयपुर: 'कोई भूखा न सोए ' अभियान को लेकर प्रदेश में शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना में गुणवत्ता बनाए रखने व निरीक्षण करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नई पहल की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी विधायकों से महीने में एक बार इंदिरा रसोई में भोजन करने के लिए कहा है. सीएम गहलोत के इस कदम की विधायकों ने भी तारीफ की और तुरंत ही इस पर अमल करना शुरू कर दिया.
अब विधायकों से टेस्ट कराया जाएगा खाना:-
- इंदिरा रसोई योजना को लेकर सीएम का फैसला
- आज CMO में मीटिंग करके गहलोत ने लिया फैसला
- हर माह एक विधायक किसी भी दिन जाकर इन्दिरा रसोई में खाना खाएंगे
- इससे भोजन की गुणवत्ता भी बनी रहेगी और निरीक्षण भी हो जाएगा
- फैसला इसलिए लिया गया है ताकि आम जन को भरोसा हो
- इंदिरा रसोई में गुणवत्तापूर्ण, पौष्टिक भोजन मिलने का हो भरोसा
- खुद मुख्यमंत्री भी जोधपुर में इंदिरा रसोई में खा चुके खाना
- स्पीकर सीपी जोशी ने भी गहलोत के साथ खाया था खाना
- सीएम ने कहा - जनप्रतिनिधि प्रतिमाह इंदिरा रसोइयों में जाकर करें गुणवत्ता सुनिश्चित
- इंदिरा रसोई योजना में अब तक 7.42 करोड़ लोगों को परोसी जा चुकी थाली
- प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भी इंदिरा रसोइयों का संचालन करने की तैयारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना, इंदिरा रसोई योजना सहित विभिन्न शहरी योजनाओं की समीक्षा बैठक की. 800 करोड़ रूपए के बजट से संचालित इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना में अब तक शहरी क्षेत्र के 3.02 लाख से अधिक परिवारों ने योजना के अन्तर्गत पंजीकरण करवाया है और वर्तमान पखवाड़े में लगभग 66 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.
प्रदेशभर में 6905 स्वीकृत कार्यों में से 2175 कार्य प्रगतिरत:
योजना के अंतर्गत प्रदेशभर में 6905 स्वीकृत कार्यों में से 2175 कार्य प्रगतिरत हैं. गहलोत ने इंदिरा रसोई योजना में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता एवं योजना में पारदर्शिता की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को भी प्रतिमाह रसोईयों में जाकर भोजन करना चाहिए ताकि गुणवत्ता की सुनिश्चितता हो सके. उन्होंने कहा कि यह योजना आज महंगाई के दौर में बाहर से आने वाले विद्यार्थियों एवं कार्मिकों के लिए एक वरदान साबित हो रही है. इंदिरा रसोई योजना में अब तक 7.42 करोड़ लोगों को भोजन की थालियां परोसी जा चुकी हैं.
प्रदेश में कुल 870 रसोइयां संचालित:
प्रदेश में कुल 870 रसोइयां संचालित हैं, जिनकी संख्या 1000 तक किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके पश्चात 13.81 करोड़ भोजन थाली प्रतिवर्ष वितरण की जा सकेंगी. प्रदेश में 500 से अधिक स्थानीय सेवाभावी संस्थाओं के द्वारा ‘ना लाभ ना हानि’ के आधार पर रसोइयों का संचालन किया जा रहा है. इंदिरा रसोई योजना में भामाशाहों द्वारा भी भोजन प्रायोजित किया जा सकता है. गहलोत ने कहा कि अधिकारी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर इंदिरा रसोइयों के संचालन की संभावनाएं भी तलाशें.
- मुख्यमंत्री का ध्येय - कोई भूखा न सोए
- इंदिरा रसोई योजना में अब तक 7.42 करोड़ लोगों को भोजन की थालियां परोसी
- प्रदेश में कुल 870 रसोइयां संचालित हैं
- रसोई की संख्या 1000 तक किए जाने का लक्ष्य
- 13.81 करोड़ भोजन थाली प्रतिवर्ष वितरण की जा सकेंगी
मुख्यमंत्री गहलोत ने बैठक के दौरान जयपुर की चारदीवारी में सीवरेज तंत्र के सुदृढीकरण, जयपुर नाइट बाजार के संचालन, परकोटे के सौन्दर्यीकरण, टाउनहॉल, जलेब चौक, गांधी म्यूजियम, राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर तथा महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज आदि योजनाओं की प्रगति के बारे में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. साथ ही देश की पहली सबसे बड़ी शहरी रोजगार गारंटी योजना के बारे में चर्चा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में स्वच्छता संबंधी कार्यों को प्राथमिकता देने के साथ ही पर्यावरण व जल संरक्षण कार्य, ठोस कचरा प्रबंधन कार्य, अतिक्रमण एवं अवैध बोर्ड, होर्डिंग्स हटाने का कार्य, हैरिटेज संरक्षण आदि कार्य किए जा रहे हैं. योजना में लाभार्थी परिवार को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. रोजगार के लिए अभी तक 3.02 लाख से अधिक परिवारों ने पंजीकरण कराया है. मीटिंग के बाद स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि इंदिरा रसोई योजना के लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है. प्रायोजित भोजन को प्रोत्साहन देने के लिए प्रायोजनकर्ताओं को प्रशंसा पत्र भी दिए जा रहे हैं. धारीवाल ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की भी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.
- 800 करोड़ रूपए के बजट से संचालित इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना
- अब तक शहरी क्षेत्र के 3.02 लाख से अधिक परिवारों ने पंजीकरण करवाया
- वर्तमान पखवाड़े में लगभग 66 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया
- प्रदेशभर में 6905 स्वीकृत कार्यों में से 2175 कार्य प्रगतिरत हैं
- मीटिंग के बाद मंत्री शांति धारीवाल का बयान
- कहा - योजना को लेकर कई नए सुझाव आए है
- संख्या बढाई जाएगी, जगहों में बदलाव होगा
- लाभान्वित को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने के निर्देश
- शहरी रोजगार में तीन लाख से ज्यादा जॉब कार्ड बंट चुके
- योजना में बजट बढाने का संकेत दिया सीएम गहलोत ने
- लाभान्वितों के लिए पैसे भी बढ़ाए जा सकते हैं
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना, इंदिरा रसोई योजना सहित विभिन्न शहरी योजनाओं का प्रदेश में अच्छा फीडबैक आ रहा है, ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत चाहते है कि इनकी मॉनिटरिंग में ढिलाई न हो. प्रदेश के हाल के दौरों पर भी मुख्यमंत्री ने इन योजनाओं के बारे में जनता को सीधा संदेश दिया. अब जन प्रतिनिधियों से भी मुख्यमंत्री को यही उम्मीद है कि वे शहरी क्षेत्र के वोटर्स के बीच इन योजनाओं को लेकर जाए.