जयपुर Rajasthan: 2022 में फिर होगा राज्यसभा चुनावों का दंगल, देखने को मिल सकती तोड़-फोड़ और खरीद-फरोख्त की सियासत

Rajasthan: 2022 में फिर होगा राज्यसभा चुनावों का दंगल, देखने को मिल सकती तोड़-फोड़ और खरीद-फरोख्त की सियासत

जयपुर: एक बार फिर 2022 में राज्यसभा का दंगल होने जा रहा है. तब विधानसभा चुनाव बिलकुल करीब होंगे और सियासत अपने चरम पर होगी. उठा-पठक की राजनीति चरम देखने को मिल सकती है. उल्लेखनीय है कि जून 2019 से पहले सभी दस राज्यसभा सीटों पर था भाजपा का कब्जा था.

2022 में चार भाजपा के राज्यसभा सांसदो ओम प्रकाश माथुर, के.जे. अल्फोंस, रामकुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर की सीटें खाली होगी. संख्याबल के अनुसार राज्यसभा के लिए 2022 में होने वाले चुनाव भी कांग्रेस का पलड़ा भारी रहने के आसार हैं. प्रदेश में जुलाई 2022 में राज्यसभा की चार सीटें खाली होंगी, संख्याबल के लिहाज से कांग्रेस के खाते में तीन और एक सीट भाजपा के खाते में जा सकती है. ऐसे में जून 2019 में जहां कांग्रेस के खाते में एक भी सीट नहीं थी वहीं 2022 में 6 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा होने की प्रबल संभावना है. वहीं भाजपा को 6 सीटें गंवाने का झटका लग सकता है, जबकि राज्यसभा में बीजेपी को अधिक सीटों की जरूरत है. लेकिन राजस्थान में बीजेपी के पास विधायकों के संख्याबल का अभाव है.

-- 3 सीट प्राप्त करने के लिए क्या रह सकता है कांग्रेस का एजेंडा ! -- 
- आगामी विधानसभा चुनावों पर रहेगा फोकस
- जातीय और क्षेत्रीय गणित के अनुसार उम्मीदवार तय होंगे
- वागड़-मेवाड़, गोडवाड-मारवाड़ से उम्मीदवार सामने आ सकते हैं
- पिछले कई दशक से उदयपुर संभाग से कोई राज्यसभा में नहीं गया
- एक उम्मीदवार दिल्ली कोटे से बताया जा रहा

-- क्या रहेगा बीजेपी का फोकस ! --
- बीजेपी चाहेगी कि स्थानीय नेता को मिले टिकट
- दूसरी सीट पर भी उम्मीदवार उतारने की योजना
- कांग्रेस से तीसरी सीट के लिए जंग लडने की तैयारी है बीजेपी की
- बीजेपी की कोशिश रहेगी कि तीसरी सीट के फेर में कांग्रेस की अंतर्कलह सामने आए

बीते राज्यसभा चुनाव में तीन सीटों में से कांग्रेस पार्टी ने दो सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि एक सीट भाजपा के खाते में गई थी. कांग्रेस प्रत्याशी के.सी. वेणुगोपाल और नीरज डांगी ने मतदान में सरप्लस वोटों से जीत दर्ज की थी. इसी के साथ राजस्थान से कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों की संख्या तीन हो गई है. इससे पहले अगस्त 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यहां से निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने गए थे. जून 2019 में भाजपा के राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी के निधन होने के चलते यह सीट खाली हुई थी. इस सीट पर मनमोहन सिंह के राज्यसभा सांसद बनने के साथ ही कांग्रेस पार्टी का भी संसद में खाता खुला था, इससे पहले राज्यसभा की सभी 10 सीटों और लोकसभा की सभी 25 सीटों पर भाजपा का कब्जा था. बहरहाल राज्यसभा का आगामी चुनावों सियासत से लबरेज होगा. RLP और निर्दलीय पूरी चुनावी चौसर पर निगाह रखे हुए है.

...फर्स्ट इंडिया के लिए योगेश शर्मा की रिपोर्ट

और पढ़ें