जयपुर: राज्य के कई जिलों में इन दिनों यूरिया की कमी देखने को मिल रही है. सरसों, चना और गेहूं की बुवाई का सीजन होने की वजह से प्रदेश के सभी जिलों में डीएपी और यूरिया की डिमांड है. इस डिमांड को पूरा करने के लिए कृषि विभाग के अफसर जुटे हुए हैं. माना जा रहा है कि इस बार अच्छी बारिश के चलते समय से पहले बुवाई की जा रही है. इसके चलते प्रदेश के लगभग सभी क्षेत्रों में यूरिया की डिमांड बढ़ी है.
इस बार प्रदेश में 115 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में रबी सीजन की फसलों की बुवाई हो रही है. नवंबर माह के पहले सप्ताह तक पिछले साल की तुलना में करीब 20 लाख हैक्टेयर की बुवाई अधिक हुई है. ऐसे में प्रदेश में यूरिया को लेकर किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. क्यों आ रही है यूरिया की किल्लत, किसानों की इस समस्या पर क्या कर रहा है कृषि विभाग, क्या आगामी दिनों में सुधरेंगे हालात ? इन सब सवालों को लेकर कृषि आयुक्त से खास बातचीत की हमारे संवाददाता काशीराम चौधरी ने...
यूरिया की किल्लत, कृषि विभाग के प्रयास:-
- पिछले माह यूरिया की कम सप्लाई से हुई यूरिया की किल्लत
- पिछले माह साढ़े 4 लाख मीट्रिक टन यूरिया मिलना था केन्द्र से
- इसके विपरीत 1 लाख 60 हजार मीट्रिक टन यूरिया ही मिल सका
- अब रोज 5 से 6 रैक रोजाना खाद प्रदेश में पहुंच रहा
- सीएम गहलोत, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया लगातार प्रयास कर रहे
- इस माह साढ़े 4 लाख यूरिया की होनी है प्रदेश में सप्लाई
- इसके विपरीत इस माह 2 लाख 86 हजार मीट्रिक टन यूरिया मिल चुका
- खाद की कालाबाजारी करने वालों पर कृषि विभाग कर रहा सख्ती
- पिछले 1 माह में 15 डीलर्स व दुकानों के लाइसेंस सस्पैंड किए
- 20 से ज्यादा दुकानों की बिक्री रोकी गई