जयपुर: राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता ना दोस्ती ना दुश्मनी न कटुरता और ना ही रिश्तों में स्थिरता! हम बात कर रहे हैं डॉ किरोड़ी लाल मीणा और नमोनारायण मीणा के मुलाकात की. दोनों नेता एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके. विपरीत वैचारिक दलों में शुमार लेकिन ये अलग बात है कि दोनों पड़ोसी है, डॉ. साहब को गंगापुर में नमोनारायण के साथ हुआ वाकया अच्छा नहीं लगा और मन में वेदना के साथ वो आज उनसे मिलने पहुंच गए.
नमोनारायण मीणा प्रदेश की सियासत में खरी कहने वाले राजनेता माने जाते हैं. उधर सूत्रों के मुताबिक डॉ. साहब के केंद्रीय मंत्री बनने के योग बन रहे हैं. ऐसे में अपमान और वेदना से परे मिलकर ERCP का मुद्दा उठा सकते हैं. बहरहाल राहुल गांधी के आगमन से पहले दोनों की मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है.
आपको बता दें कि आज मॉर्निंग वॉक पर निकले किरोड़ी लाल मीणा अचानक नमोनारायण मीणा से मिलने उनके घर पर चले गए. सुबह की चाय पर दोनों के बीच सियासी गपशप हुई. दरअसल, हाल ही हुए एक वाकये के बाद इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. गंगापुर में नमोनारायण के साथ हुआ वाकया डॉ. साहब को अच्छा नहीं लगा. नमो को सरकारी कार्यक्रम में माननीयों की गाड़ी में जगह नहीं मिली थी. वायरल हुए वीडियो के लिए मन में वेदना लिए डॉ. किरोड़ी मिलने पहुंच गए.
नेताओं को वरिष्ठता और उम्र का ध्यान रखना चाहिए:
उन्होंने मुलाकात के बाद कहा कि नेताओं को वरिष्ठता और उम्र का ध्यान रखना चाहिए. सरकार में बैठे मंत्री-विधायक जनता के लिए आदर्श होते हैं और जब वे ही शिष्टाचार का उल्लंघन करते हैं तो वेदना होती है. वरिष्ठ राजनेता नमो नारायण मीणा जी का अपमान मंत्री-विधायकों के अहंकार का द्योतक है, जो निंदनीय है. आशा है कि मंत्री-विधायक कुछ संस्कार सीखने का प्रयास अवश्य करेंगे.
सियासी गलियारों में गपशप शुरू:
हालांकि आज किरोड़ी का नमो नारायण के घर पर यूं जाना और मुलाकात करना, बात करना सियासी चर्चा का विषय बना है. क्योंकि नमो नारायण कांग्रेस में रहे और उनके भाई हरीश मीणा भाजपा के सांसद रहे हैं. लेकिन हरीश मीणा ने सांसद बनने के बाद पाला बदला और कांग्रेस के विधायक बन गए. अब सियासी गलियारों में इस बात की गपशप कि ना जाने कब, कैसे, कहां, कैसा परिवर्तन हो जाए !
...फर्स्ट इंडिया न्यूज डिजिटल के लिए सुनिल शर्मा के साथ एश्वर्य प्रधान की रिपोर्ट