जयपुर: 25 सितंबर को हुई CLP मीटिंग पर सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने चुप्पी तोड़ते हुए पहली बार प्रतिक्रिया दी है. आज जयपुर में अपने निवास पर संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को CLP बैठक में जो घटनाक्रम हुआ उस अनुशासनहीनता को लेकर निर्णय लेना चाहिए. जो नोटिश दिए गए थे उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.
वहीं पायलट ने मानगढ़ धाम के घटनाक्रम पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जिस तरह बढ़ाइयां कल के मानगढ़ के मंच से पीएम ने की वह बहुत ही रौचक है. पीएम मोदी ने ऐसे ही संसद में गुलाम नबी आजाद की तारीफ की थी. उसके बाद क्या हुआ सको पता है. सचिन पायलट ने लंबे समय बाद बिना नाम लिए अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर निशाना साधा है.
इससे आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि कल प्रधानमंत्री आए थे हम सबको उम्मीद थी कि वह मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यहां कांग्रेस की सरकार है हम सबको उम्मीद थी. हमारी सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह भी किया. इस धाम को राष्ट्रीय स्मारक बनाएं. लेकिन ना तो प्रधानमंत्री ने ईआरसीपी के बारे में कहा, जबकि उन्होंने कमिटमेंट किया था. उसका हमें खेद है. मुझे उम्मीद थी कि यह कर देंगे, लेकिन उन्होंने नहीं किया.
खुले मंच से इस तरह की तारीफ के कई सियासी मायने निकाले गए थे:
दरअसल मानगढ़ धाम में हुई सभा में पीएम मोदी ने अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए कहा था कि अशोक जी के साथ हम काम कर चुके है. वो हमारे सबसे सीनियर मुख्यमंत्री थे. और आज मंच पर जो मुख्यमंत्री मौजूद है. उनमें भी वो सबसे सीनियर है. प्रधानमंत्री की खुले मंच से इस तरह की तारीफ के कई सियासी मायने निकाले गए थे. अब सचिन पायलट ने इन तारीफों को गुलाम नबी आजाद की तारीफों से जोड़ा है.