देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कुछ दावेदारों को टिकट नहीं मिलने से जहां उनके बगावती सुर सामने आ रहे हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी की पुत्री ऋतु खंडूरी को विधायक होते हुए भी टिकट न मिलने पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) से कोई नाराजगी नहीं है. यमकेश्वर से मौजूदा विधायक ऋतु को इस बार के चुनाव के लिए पार्टी द्वारा उम्मीदवार नहीं बनाये जाने के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन सर्वोपरि है और उनका मानना है कि भाजपा ने यह निर्णय कुछ अच्छा सोचकर ही लिया होगा.
उन्होंने यहां ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत करते हुए कहा कि कुछ कारण रहा होगा, जिससे मुझे टिकट नहीं मिला. मेरे लिए संगठन सर्वोपरि है. मैं यह मानती हूं कि संगठन ने यह निर्णय लिया है तो कुछ अच्छा ही सोचकर लिया होगा. मुझे इस निर्णय से कोई दिक्कत नहीं है. प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष खंडूरी की जगह पार्टी ने इस बार रेणु बिष्ट को प्रत्याशी बनाया है और सूत्रों का कहना है कि पार्टी के चुनाव पूर्व आंतरिक सर्वेक्षण में ऋतु खंडूरी की जीत की कम संभावनाओं के मद्देनजर पार्टी ने नई उम्मीदवार को तरजीह दी है. पिछले विधानसभा चुनाव में ऋतु खंडूरी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरीं बिष्ट को 8,982 मतों के अंतर से पराजित किया था. पिछले सप्ताह जारी भाजपा की 59 प्रत्याशियों की पहली सूची में ऋतु खंडूरी के अलावा नौ अन्य विधायकों को भी टिकट नहीं दिया गया है.
थराली से विधायक मुन्नी देवी शाह और द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी सहित कुछ भाजपा नेताओं ने सूची जारी होते ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जिन्हें मनाने के लिए पार्टी कई स्तरों पर प्रयास कर रही है. प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी इस समस्या से जूझ रही है. इसी तरह के एक मामले में कांग्रेस को रामनगर सीट पर अपनों के असंतोष का सामना करना पड़ रहा है जहां पार्टी महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनावी समर में उतारे जाने से सीट के प्रबल दावेदार और प्रदेश के कार्यवाहक अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत के नाराज होने की बात कही जा रही है. सोर्स- भाषा