बलिया (उप्र) नहीं थम रहा गंगा नदी में शवों के बहकर आने का सिलसिला, सात और मिले, सभी का किया गया अंतिम संस्कार

नहीं थम रहा गंगा नदी में शवों के बहकर आने का सिलसिला, सात और मिले, सभी का किया गया अंतिम संस्कार

नहीं थम रहा गंगा नदी में शवों के बहकर आने का सिलसिला, सात और मिले, सभी का किया गया अंतिम संस्कार

बलिया (उप्र): उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में गंगा नदी के तटवर्ती इलाके में मंगलवार की रात सात और शव मिलने के साथ ही नदी से निकाले गए शवों की कुल संख्या 52 हो गई है . एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. एक अधिकारी ने बताया कि नदी में मिल रहे शवों के कोविड संक्रमित होने की आशंका के मद्देनजर तटवर्ती इलाकों में संक्रामक रोग के प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा शवों का तत्काल अंतिम संस्कार करा दिया गया है.

अब तक कुल 52 शव मिलेः
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार बिहार सीमा से सटे नरही थाना क्षेत्र के गंगा नदी के भरौली व उजियार घाट पर मंगलवार रात गंगा नदी से सात और शव निकाले गए हैं. सूत्रों ने बताया कि नदी से निकले शवों की कुल संख्या 52 हो गई है, लेकिन किसी अधिकारी ने बरामद शवों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.

शवों का नदी किनारे ही गड्ढा खोदकर अंतिम संस्कारः
जिलाधिकारी अदिति सिंह और पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा ने गंगा नदी से मिले शवों की संख्या की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की हैं और नदी से निकले शवों का नदी किनारे ही गड्ढा खोदकर अंतिम संस्कार कर दिया गया.

बिहार राज्य के बक्सर जिले व दूसरे हिस्सों की तरफ से प्रवाहित होकर आए शवः
उप जिलाधिकारी (सदर) राजेश यादव ने बुधवार को बताया कि सभी शवों का मंगलवार की रात को अंतिम संस्कार कर दिया गया. उन्होंने बताया कि गंगा नदी के रुख को देखते हुए ऐसा लगता है कि पड़ोसी बिहार राज्य के बक्सर जिले व दूसरे हिस्सों की तरफ से शव प्रवाहित होकर आए हैं. उन्होंने बताया कि शवों के आने के स्रोत की जांच की जा रही है और जांच के उपरांत ही वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सकेगी. उन्होंने बताया कि नरही थाना क्षेत्र के भरौली व उजियार घाट से पड़ोसी बिहार राज्य के बक्सर जिले के घाट की दूरी तकरीबन एक किलोमीटर है और गंगा नदी में हवा का रुख बलिया जिले की तरफ है.

शवों के कोविड संक्रमित होने की आशंका के चलते तुरंत अंतिम संस्कारः
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गंगा नदी में मिल रहे शवों के कोविड संक्रमित होने की आशंका के मद्देनजर शवों का तत्काल अंतिम संस्कार करा दिया जा रहा है, ताकि तटवर्ती इलाकों में कोई संक्रामक रोग न फैल पाए.
सोर्स भाषा

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