पूर्वी लद्दाख में हालात पर थलसेना प्रमुख ने कहा- स्थिति स्थिर, लेकिन अप्रत्याशित है

नई दिल्ली: थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन से लगती सरहद पर 30 महीने से अधिक समय से जारी गतिरोध के बीच शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति स्थिर, लेकिन अप्रत्याशित है.

जुड़े मुद्दों को हल करने पर ध्यान होगा:
जनरल पांडे ने एक विचार समूह (थिंक टैंक) को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच अगले दौर की सैन्य वार्ता में विवाद के दो शेष बिंदुओं से जुड़े मुद्दों को हल करने पर ध्यान होगा.

ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने डेमचोक और देपसांग का जिक्र करते हुए यह बात कही. सेना प्रमुख ने कहा कि विवाद के सात बिंदुओं में से पांच पर मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल कर लिया गया है. उन्होंने साथ ही कहा कि इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई है, लेकिन सर्दियों की शुरुआत के साथ कुछ पीएलए ब्रिगेड के लौटने के संकेत हैं.

हितों एवं संवेदनशीलताओं की सुरक्षा कर पाए:
उन्होंने ‘चाणक्य डायलॉग्स’ में कहा कि व्यापक संदर्भ में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी कार्रवाई का बहुत सावधानी से आकलन करने की जरूरत है ताकि भारत अपने हितों एवं संवेदनशीलताओं की सुरक्षा कर पाए. जनरल पांडे ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि मुझे इसे (हालात को) एक वाक्य में परिभाषित करता हो, तो मैं कहूंगा कि स्थिति स्थिर, किंतु अप्रत्याशित है. भारत शेष मुद्दों के समाधान के लिए चीन के साथ उच्च स्तर की सैन्य वार्ता के अगले दौर को लेकर आशावादी है. उन्होंने कहा कि हम 17वें दौर की वार्ता की तारीख पर विचार कर रहे हैं.

सीमावर्ती इलाकों में चीन के बुनियादी ढांचा विकसित करने के विषय पर थलसेना प्रमुख ने कहा कि यह लगातार हो रहा है. क्षेत्र में भारतीय थलसेना की तैयारियों के बारे में उन्होंने कहा कि सर्दियों के मौसम के अनुकूल तैयारी जारी है.जनरल पांडे ने यह भी कहा कि अपने हितों की सुरक्षा के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हमारे कार्यों को बहुत सावधानीपूर्वक समायोजित करने’’ की जरूरत है. सोर्स-भाषा