नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के संविधान के मसौदे से संबंधित आपत्तियों और मुद्दों पर सुनवाई सात दिसंबर को करेगा. आईओए की यहां आम सभा की विशेष बैठक के दौरान संविधान के मसौदे को अपनाया गया था.
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने हालांकि एक अंतरिम याचिका में तत्काल सुनवाई खारिज कर दी जिसमें खेल संस्था के संविधान के मसौदे में कुछ अनधिकृत बदलाव का आरोप लगाया गया है. पीठ ने कहा, ‘‘आपकी आपत्तियों पर सुनवाई सात दिसंबर को होगी. आप उसी दिन इसके बारे में बतायें. आईओए ने उच्चतम न्यायालय और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की देखरेख में तैयार अपने संविधान के मसौदे को गुरुवार को स्वीकार कर लिया लेकिन कई सदस्यों ने कहा कि शीर्ष अदालत के इसे अनिवार्य बनाने के बाद उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया. आईओए महासचिव राजीव मेहता ने बाद में आईओसी को बताया कि संविधान के मसौदे में कुछ स्वीकृत प्रावधान सितंबर में स्विट्जरलैंड में संयुक्त बैठक में हुई सहमति से ‘काफी अलग’ थे. आईओसी ने सितंबर में आईओए को अंतिम चेतावनी दी थी कि दिसंबर तक चुनाव करायें या फिर या निलंबन का सामना करें.
यहां आईओए की आम सभा की विशेष बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने मसौदा संविधान में कम से कम आधा दर्जन संशोधनों पर आपत्ति जताई और कहा कि ‘आम सभा के लोकतांत्रिक अधिकारों को पूरी तरह से छीन लिया गया.’. दिसंबर तक चुनाव नहीं कराने की स्थिति में आईओसी से निलंबन की धमकी के साथ उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद आईओए के पास अपने संविधान में बदलाव करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. संविधान का मसौदा उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त किये गये शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एल नागेश्वर राव ने तैयार किया और आईओसी ने पहले ही इसे मंजूरी दे दी है. उच्चतम न्यायालय ने आईओए को 10 दिसंबर को चुनाव कराने की मंजूरी दे दी है. सोर्स- भाषा