बर्लिन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की अपनी यूरोप यात्रा के पहले चरण के तहत जर्मनी का दौरा पूरा करने के बाद मंगलवार को डेनमार्क के लिए रवाना हो गए. विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी. विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूरोप यात्रा का पहला चरण संपन्न. इससे भारत और जर्मनी के बीच साझेदारी को मजबूती मिली है. उनका अगला पड़ाव कोपेनहेगन है.
यूरोप के तीन देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में सोमवार की सुबह यहां बर्लिन पहुंचे मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ़ शॉल्ज के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और एक व्यापारिक गोलमेज बैठक की सह-अध्यक्षता की. मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मेरी जर्मनी यात्रा बेहद सफल रही है. चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ विभिन्न मुद्दों पर व्यापक स्तर पर बातचीत हुई और साथ ही अंतर-सरकारी विचारविमर्श भी हुआ. मुझे व्यापार जगत के प्रतिनिधियों और भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करने का एक शानदार अवसर मिला. मैं जर्मन सरकार को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं.
भारत को स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 2030 तक 10.5 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता प्राप्त होगी:
प्रधानमंत्री मोदी ने चांसलर शॉल्ज के साथ अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के छठे पूर्ण सत्र की सह-अध्यक्षता भी की. मोदी ने भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान में जर्मन भागीदारी को आमंत्रित भी किया. मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच साझेदारी मौजूदा हालात में दुनिया में सफलता की एक मिसाल बन सकती है. दोनों पक्षों ने सतत विकास पर केंद्रित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत भारत को स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 2030 तक 10.5 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता प्राप्त होगी.
प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित भी किया:
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय और जर्मन कारोबारी दिग्गजों के साथ बातचीत के दौरान अपनी सरकार द्वारा किए गए सुधारों का भी उल्लेख किया. प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित भी किया. डेनमार्क में मोदी अपने समकक्ष मेटे फ्रेडरिकसेन से मुलाकात करने के अलावा डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे. सोर्स-भाषा