उदयपुर: झीलों की नगरी उदयपुर की कुतरती फिंजा एक बार फिर सैलानीयों की सौंधी आवक से महक उठी हैं.दरअसल दीपावली की छुट्टियो के चलते देश दुनिया से सैलानीयों की बंपर आवक लेकसिटी में हो रही हैं जिससे ना केवल यहाँ के पर्यटन स्थल आबाद हो गयें हैं बल्कि पर्यटन व्यवसाय से जुडा हर नुमांइदा भी खुश हैं.तो आईयें आपको भी दिखाते हैं झीलो की नगरी उदयपुर के दिलकश नजारो के साथ कैसे हो रहा हैं पर्यटन सीजन का आगाज़.
नीली झीलों का शहर,राजस्थान का कश्मीर,पूर्व का वेनिस और ऐसे ही अनेंकों नामों से सात समंदर पार तक अपनी पहचान बनानें वालें उदयपुर में पर्यटन सीजन परवान हैं. दीपावली की छुट्टियों के साथ ही यहाँ पर्यटन सीजन का आगाज हो चुका हैं.ऐसे में भारी तादाद में गुजराती सैलानीयो के साथ ही देश दुनिया से पर्यटक लेकसिटी उदयपुर का रुख किये हुये हैं.सैलानीयों की बंपर आवक के चलतें शहर के तमाम पर्यटन स्थलों पर मेले सा माहौल बना हुआ हैं.बात चाहे फतहसागर की हो या फिर विश्वप्रसिद्ध पीछोला झील की ,नजारा मोतीमगरी हो या फिर सिटी पैलेस का,सुखाडिया सर्किल हो या फिर सहेलियों की बाडी, हर ओऱ सैलानीयों की भारी आवक नें शहर के ट्रेफिक तक की फिंजा को बदल दिया हैं.लेकिन इस सब से परें सैलानी कुदरती खूबसूरती वाले इस शहर में आकर खुद को धन्य समझ रहे हैं. हजारों साल पुरानी विरासत को संजोए लेकसिटी के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल सैलानियों को खूब रास आ रहे हैं.
दरअसल लेकसिटी उदयपुर के चारो ओर करीब 14 से ज्यादा छोटे बडे जलाशय,झील औऱ तालाब हैं.ऐसे में यहाँ झीलों में वोटिंग को लेकर भी खास प्रबंध कियें गयें हैं जो सैलानीयों को खूब रास आ रहे हैं.यही नही लंबे समय से सुस्ती की मार झेल रहें पर्यटन व्यवसाय के इस टूरिस्ट सीजन में रफ्तार पकडनें से इस व्यवसाय से जुडा हर व्यक्ति बेहद खुश हैं.पर्यटन स्थलों की सैर कराने वाले गाइड हो या फिर सैलानीयों को वोटिंग का लुत्फ दिलाने वाले नाव संचालक.हर कोई सैलानीयों की लेकसिटी में आवक से चहक रहे हैं.
बहरहाल 2 वर्षों तक कोरोना की मार के चलते पर्यटन व्यवसाय रसातल में चला गया था लेकिन अब नैसर्गिक खूबसूरती के धनी झीलों के शहर में सैलानीयों की बहार नें पर्यटन व्यवसाय को जरुर फलनें फूलनें का मौका दिया हैं.
...रवि कुमार शर्मा,फर्स्ट इंडिया न्यूज,उदयपुर