नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि देश की कोयला खदानों में क्षमता का अधिकतम उपयोग (90 प्रतिशत तक) हो रहा है और अगले साल तक देश में कोयला उत्पादन के बढ़कर एक अरब टन हो जाने की संभावना है.
कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 2014 में देश में कोयले का उत्पादन 56.6 करोड़ टन था जो इस साल बढ़कर 90 करोड़ टन हो जाएगा. जोशी ने कहा कि 2030 तक देश में कोयले की मांग बढ़कर 150 करोड़ टन हो जाएगी और मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली संप्रग सरकार ने कोयले के उत्पादन में वृद्धि की दिशा में कदम नहीं उठाया और उसके कार्यकाल में कोयला खदानों के आवंटन में घोटाले हुए.
क्षमता से कम उत्पादन होने को लेकर सवाल किया:
उन्होंने कहा कि सरकार देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है. कांग्रेस सदस्य रंजीत रंजन ने देश की कोयला खदानों में क्षमता से कम उत्पादन होने को लेकर सवाल किया था. कोयला मंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्ववती संप्रग सरकार के दौरान खदानों के आवंटन में घोटाला होता था लेकिन इस सरकार ने पूरी पारदर्शिता बरतते हुए नीलामी को तरजीह दी जिससे राज्यों को मिलने वाले राजस्व में वृद्धि हुई है. सोर्स-भाषा