दिल्ली में दिवाली के दौरान प्रदूषण में वाहनों का योगदान लगभग आधा: CSE रिपोर्ट

नई दिल्ली:‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट’ (CSE) के ताज़ा विश्लेषण में सामने आया है कि दिवाली वाले सप्ताह (21 से 26 अक्टूबर) के दौरान दिल्ली में स्थानीय स्रोतों से पैदा होने वाले पार्टिकुलैट मेटर (पीएम) 2.5 के प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले धुएं का लगभग आधा योगदान रहा था. इसमें कहा गया है कि स्थानीय, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) आदि स्रोतों के प्रदूषक तत्वों को जोड़ने पर पता चलता है कि दिल्ली के वाहनों में कुल पीएम 2.5 का लगभग 17 प्रतिशत हिस्सा होता है. 

सीएसई के सांकेतिक आंकड़ों के अनुसार, दिवाली के सप्ताह के दौरान वाहनों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण की दैनिक हिस्सेदारी 49.3 प्रतिशत से 53 प्रतिशत के बीच रही. सीएसई की स्वच्छ वायु और सतत गतिशीलता इकाई के प्रमुख कार्यक्रम प्रबंधक विवेक चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘‘वाहनों के योगदान के बाद घरों से पैदा हुए प्रदूषण (आवासीय) 13 प्रतिशत, उद्योगों में 11 प्रतिशत, निर्माण इकाइयों में सात प्रतिशत, कचरा जलाने और ऊर्जा क्षेत्र में पांच-पांच प्रतिशत, सड़क की धूल और अन्य स्रोत ने चार प्रतिशत की हिस्सेदारी निभाई. यह अवलोकन दिल्ली में पिछली सर्दियों के दौरान किये गये मूल्यांकन के रुझानों के अनुरूप है. सीएसई रिपोर्ट के मुताबिक, वाहनों, उद्योगों, ऊर्जा क्षेत्र, अपशिष्ट जलाने और घर में खाना पकाने सहित सभी स्रोतों की निर्माण इकाई और सड़क की धूल सहित तुलनात्मक रूप से अधिक हिस्सेदारी है.

रिपोर्ट में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) की निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) का उपयोग किया गया है, जिसने दिल्ली में संभावित उत्सर्जन स्रोतों के बारे में जानकारी प्रदान की है. सीएसई की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘दिवाली से पहले के दिनों में अधिक यातायात के साथ, औसत गति 60 किमी प्रति घंटे के मानक या 40 किमी प्रति घंटे की विनियमित गति के मुकाबले 27 किमी प्रति घंटे तक कम हुई. कुछ हिस्सों में यह घटकर 17 किमी प्रति घंटे हो गई. संस्थान ने कहा कि प्रदूषण की हिस्सेदारी में वाहन के ‘‘शीर्ष प्रदूषक’’ बनने के बावजूद, परिवहन पर कार्रवाई ‘‘सबसे कमजोर’’ है. इसने आगे कहा कि सार्वजनिक परिवहन संवर्द्धन और एकीकरण की आवश्यकता है, साथ ही विद्युत संचालित वाहनों का उपयोग करने, पैदल चलने तथा साइकिल चलाने के लिए बुनियादी ढांचा बनाने, कम उत्सर्जन वाले क्षेत्रों और पार्किंग सीमा तथा मूल्य निर्धारण जैसे वाहनों के उपयोग को हतोत्साहित करने के उपायों की आवश्यकता है. सोर्स- भाषा