अगरतला: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर में स्थित 700 साल पुराने त्रिपुरेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की. यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है.
उपराष्ट्रपति अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ राज्य की राजधानी अगरतला से वायुसेना के हेलीकॉप्टर में उदयपुर गए और मंदिर में देवी त्रिपुरेश्वरी के दर्शन किए. इस मंदिर की स्थापना 1501 में महाराजा धन्य माणिक्य द्वारा की गई थी. उपराष्ट्रपति ने संवाददाताओं से कहा कि यह जानकर खुशी हो रही है कि पूरे देश में, जहां भी धार्मिक स्थल हैं, एक नया सुयोग्य, सुविचारित रूप प्रदान किया जा रहा है. धनखड़ ने कहा कि यह "अद्वितीय" त्रिपुरेश्वरी मंदिर भी विकसित किया जा रहा है और वह फिर यहां वापस आने के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने मां त्रिपुरेश्वरी मंदिर में 30 मिनट से अधिक समय बिताया, जिन्हें त्रिपुरा सुंदरी के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर में किसी भी धर्म के लोग पूजा कर सकते हैं.
उदयपुर पर आक्रमण करके उस पर अधिकार कर लिया:
राज्य सरकार द्वारा संचालित मंदिर की वेबसाइट के अनुसार, 18वीं शताब्दी के मध्य में समसेर गाजी ने उदयपुर पर आक्रमण करके उस पर अधिकार कर लिया था. इसके अनुसार गाजी की जीवनी में उल्लेख किया गया है कि मुस्लिम शासक ने स्वयं देवी त्रिपुरा सुंदरी की पूजा की थी. उदयपुर से उपराष्ट्रपति अगरतला के लिए रवाना हुए जहां वह एमबीबी कॉलेज में एक सेमिनार को संबोधित करेंगे. राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा भी उसमें मौजूद रहेंगे. इससे पहले राज्य के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य और साहा ने अगरतला में महाराजा बीर विक्रम हवाईअड्डे पर धनखड़ का स्वागत किया.
हवाईअड्डे पर स्वागत करते हुए प्रसन्नता हो रही:
मुख्यमंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मुझे भारत के माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जी और उनकी पत्नी श्रीमती सुदेश धनखड़ का अगरतला के महाराजा बीर विक्रम हवाईअड्डे पर स्वागत करते हुए प्रसन्नता हो रही है. मुझे लगता है कि राज्य की उनकी यात्रा त्रिपुरा के लोगों के लिए बहुत गर्व का स्रोत होगी. धनखड़ का दिन में बाद में अगरतला से कोलकाता के लिए रवाना होने का कार्यक्रम है. सोर्स-भाषा