World Heart Day 2022: सावधान, आपका दिल दे रहा धोखा ! जयपुर समेत देशभर में दिल के मरीजों का दर्द, युवाओं में बढ़ रही हार्ट की दिक्कतों को लेकर चिकित्सकों ने जताई चिंता

जयपुर: प्यार में धोखा तो आपने सुना होगा, लेकिन इनदिनों लोगों को दिल "जानलेवा" धोखा दे रहा है. अकेले राजधानी की बात की जाए तो पिछले छह माह में रोजाना एक से दो लोग साइलेंट अटैक में जान गंवा रहे है. चिंता ये है कि इनमें से पचास फीसदी ऐसे है, जिन्हें पहले कभी भी हार्ट डिजीज नहीं थी. सिर्फ सीने में दर्द हुआ और सांसे थम गई. इस तरह के बढ़ते मामलों ने खुद चिकित्सकों को चिंता में डाल दिया है. आखिर क्या है हार्ट डिजीज का बदलता स्वरूप और चिकित्सक क्या दे रहे ऑपिनियन, वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर फर्स्ट इंडिया की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट...

दिल का रिश्ता बड़ा ही प्यारा है. कितना पागल ये दिल हमारा है. हम तो एक दूसरे पे मरते है. जानता ये जहां सारा है.....जी हां, जब बात दिल की हो तो दिल से सोचना लाजमी है. लेकिन अब इसे पोस्ट कोविड साइड इफेक्ट कहे या फिर अनियमित लाइफ इस्टाल, जिसके चलते हमारा दिल ही हमें धोखा दे रहा है. ये कोई हमारी सोच नहीं बल्कि राजधानी जयपुर समेत देशभर में सामने आ रहे हार्ट के मरीज की मेडिकल हिस्ट्री की बानगी है. चिकित्सक खुद स्वीकार कर रहे है कि इन दिनों कई केस ऐसे आ चुके है, जिन्हें पहले कभी हार्ट की दिक्कत नहीं हुई. अचानक से सीने में दर्द हुआ और ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले ही सांसे थम गई. ऐसे हालात में चिकित्सक अब ये कह रहे हैं कि दिल हमें धोखा नहीं दे रहा, बल्कि हम हमारे दिल के साथ धोखा कर रहे हैं.

आईए आपको बताते है जयपुर की हाल ही की जिंदगी गंवाने वाली चिंतनीय घटनाएं....
ये घटनाएं नहीं, आपके लिए अलर्ट है.....!

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केस : 1  एसएमएस अस्पताल में कार्यरत 45 वर्षीय एक कर्मचारी को 22 अगस्त की रात को अचानक चेस्ट में दर्द हुआ....परिजन पास के निजी अस्पताल लेकर गए तो पता चला कि उनका हार्ट काफी कम काम कर रहा है....ऐसे में परिजनों ने उपचार के लिए उन्हें हायर सेन्टर ले जाने की व्यवस्था की, लेकिन इसी दरमियान ही सांस थम गई.
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केस : 2 राशन वितरण के व्यवसाय से जुड़े 45 साल के व्यवसायी को 11 सितम्बर को अचानक हार्ट में दर्द हुआ...परिजनों ने मानसरोवर स्थित निजी अस्पताल में पहुंचाया, लेकिन हार्ट फेरियर के चलते उन्हें बचाया नहीं जा सका.


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केस : 3 बुक प्रकाशन के काम से जुड़े राजधानी के एक 50 वर्षीय व्यवसायी को 15 सितम्बर की अलसुबह उल्टी की शिकायत हुई.....परिजन नजदीक के निजी अस्पताल में लेकर गए, तो वहां पहुंचते-पहुंचते हार्ट फेरियर के चलते सांस थम गई. परिजनों के मुताबिक उन्हें कभी कार्डिक दिक्कत नहीं थी, बस अचानक तबीयत बिगड़ी थी.
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साइलेंट किलर बन रहा दिल का "दर्द" !
- भारत समेत कई देशों में दिल की बीमारी मौतों का नंबर एक कारण
- 7.9 मिलियन से अधिक लोग कार्डियो-वैस्कुलर से गंवाते है जान
- भारत के आंकड़ों पर गौर फरमाए तो 2016 में 21,914 लोगों ने हार्ट अटैक के कारण जान गंवाई
- 2017 में 23,249, 2018 में 25,764 और 2019 में 28,005 लोगों हार्ट अटैक के चलते मौत का ग्रास बने
- ये तो सिर्फ बड़े अस्पतालों का डेटा है, लेकिन यदि चिकित्सकों की माने तो हालात और भी है भयावह
- चिकित्सकों के मुताबिक हार्ट अटैक के 50 फीसदी केस में तो मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते
- जो 50 फीसदी अस्पताल पहुंचते है, उनमें से भी 50 फीसदी एक घंटे का गोल्डन पीरियड भी नहीं निकाल पाते
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क्यों मनाया जाता है "हार्ट डे":- 
- दिल के रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए WHO ने दुनिया भर में विश्व हृदय दिवस साल 2000 से मनाने की घोषणा की
- पहले यह दिवस सितम्बर माह के आखिरी रविवार को मनाया जाता था
- लेकिन साल 2014 से World Heart Day 29 सितंबर को मनाया जाने लगा है
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यूं रखा जा सकता है दिल का ख्याल:- 
- हार्ट की सेहत को यदि ठीक रहना है तो आपको सबसे पहले अपनी दिनचर्या में थोड़ा बदलाव लाना होगा
- देर रात तक जागने से बचें और रात में ज्यादा गैजेट्स के इस्तेमाल से भी बचें.
- खानपान का भी विशेष ख्याल रखें
- कोशिश ये करें कि शाम को 6 या 7 बजे के बाद कुछ भी खाना न खाएं
- इसके अलावा सुबह ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन व फाइबर युक्त खाना लें.
- व्यायाम का भी विशेष ध्यान रखें, खासतौर पर साइकिलिंग, स्वीमिंग पर फोकस दें
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कोरोना के बाद मरीजों में हार्ट डिजीज को लेकर जिस तरह की भयावह तस्वीर सामने आने लगी है. उससे साफ जाहिर होता है कि अब हमें हमारे दिल का ख्याल रखने की बड़ी जरूरत है. हालांकि, सरकार भी हार्ट के बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर है. जयपुर में ही डेडिकेटेड हार्ट इंस्टीट्यूट बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है. लेकिन ये प्रयास भी तभी हमारे दिल को सेहतमंद रख पाएंगे, जब हम खुद तय दिनचर्चा में दिल का ख्याल रखेंगे.